कर्मचारियों में फैली नाराजगी
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा प्रशासन ने फैसला किया है अब एक अक्टूबर से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेहरा दिखाकर यानी फेशियल बायोमेट्रिक मशीन पर हाजिरी लगानी होगी। इसी के साथ ही करोड़ों रुपए खर्च करके लगाई गर्इं बायोमेट्रिक मशीनों को हटा दिया जाएगा। मनपा ने यह फैसला भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के निर्देशानुसार किया है। हालांकि, मनपा के इस फैसले से कर्मचारियों में भारी नाराजगी फैल गई है। वे इसका विरोध कर रहे हैं।
मुंबई मनपा मुख्यालय और २४ प्रभाग कार्यालयों में एक लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। अधिकांश मुंबईकर विभिन्न कार्यों के लिए मनपा मुख्यालय या विभाग कार्यालयों में आते हैं। लेकिन कई बार अधिकारी और कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं रहते। इसके चलते नागरिकों को बार-बार शिकायत करनी पड़ी। साथ ही कर्मचारी उपस्थिति हाजिरी पुस्तिका पर हस्ताक्षर कर कार्यालयों से गायब हो रहे थे। इसलिए प्रशासन ने कंप्यूटराइज्ड अटेंडेंस लागू की थी। इसके लिए मनपा के सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक डिवाइस लगाई गई थी। इसके बाद प्रत्येक कर्मचारी को कार्यालय आने के बाद और कार्यालय से घर जाने से पहले बायोमेट्रिक मशीन पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन अब `भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण’ के निर्देशानुसार मनपा में वर्तमान में चल रही व्यवस्था ३० सितंबर २०२४ को समाप्त हो रही है। इस मामले को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेशियल बायोमेट्रिक डिवाइस प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसे एक अक्टूबर से शुरू कर दिया जाएगा।
जैसे ही यह बात सामने आई कि बायोमेट्रिक मशीनों में भी खराबी आ रही है, तो आखिरकार फेशियल अटेंडेंस मशीनें लगाने की मांग उठने लगी। इसलिए मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाली अतिरिक्त आयुक्त डॉ. अश्विनी जोशी ने इन फेशियल बायोमेट्रिक मशीनों को लगाने का निर्णय लिया।
मनपा के सभी विभागों में फेशियल बायोमेट्रिक मशीन लगाने की प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है। दो ठेकेदारों को शहर के संबंधित प्रभागों, मनपा के पूर्व और पश्चिम उपनगरों में कुल १,५०० मशीनें उपलब्ध कराने का काम दिया गया है। एक मशीन पर १०० कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जबकि बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन पर ४० कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होती है।