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जानबूझकर दी गई व्यभिचारी को टिकट! … भाजपा-जेडीएस का ‘सेक्स कांड’ हुआ उजागर

पार्टी नेताओं ने पीएम-गृहमंत्री को पहले ही दे दी थी जानकारी
 स्थानीय विरोध को दरकिनार करके आलाकमान ने बनाया उम्मीदवार

सामना संवाददाता / बंगलुरु
कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेमन्ना के सेक्स स्कैंडल ने पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। प्रज्वल के कुकृत्य की जानकारी भाजपा व जेडीएस के नेताओं को थी, इसके बावजूद जानबूझकर इस व्यभिचारी को टिकट दी गई थी। मगर स्थानीय विरोध को दयकिनार करते हुए आलाकमान ने प्रज्वल को उम्मीदवार बना दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, प्रज्वल के ड्राइवर ने ही इस कांड को उजागर किया है। कार्तिक ने १७ साल तक प्रज्वल के पास ड्राइवर की नौकरी की। पिछले साल जमीन से जुड़े एक मामले में दोनों के बीच विवाद हुआ और कार्तिक ने नौकरी छोड़ दी थी। कार्तिक का कहना है कि प्रज्वल और उसके परिवार ने उसकी जमीन को जबरन हथिया लिया और उसकी पत्नी को प्रताड़ित किया। इसके बाद कार्तिक के दिल में बदले की आग सुलग उठी। चूंकि कार्तिक ने १७ वर्षों तक प्रज्वल के पास नौकरी की थी इसलिए वह उसके सारे कुकर्मों से वाकिफ था। उसने मौका पाकर प्रज्वल के मोबाइल से उसके सेक्स वीडियो पेन ड्राइव में ले लिए और प्रज्वल के खिलाफ केस करने के लिए कर्नाटक भाजपा नेता देवराजे गौड़ा से संपर्क किया। देवराजे गौड़ा हासन में रेवन्ना परिवार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेता थे और पेशे से वकील हैं। २०२३ में देवराजे गौड़ा ने एचडी रेवन्ना के खिलाफ भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा है। बहरहाल, जैसे ही प्रज्वल रेवन्ना को इस बात की भनक लगी तो उसने कोर्ट से किसी भी तरह के अश्लील वीडियो या फोटो को प्रसारित करने पर स्टे ले लिया। इसके बाद देवराजे गौड़ा ने कोर्ट ऑर्डर के मद्देनजर कार्तिक से अश्लील क्लिप की एक कॉपी देने को कहा, जिससे उसे सीधे जज को देकर स्टे वेकेट किया जा सके। ड्राइवर कार्तिक ने कहा कि इस अश्लील वीडियो की कॉपी देवराजे गौड़ा के अलावा उसने किसी को नहीं दी। ये वैâसे, किसी और के हाथ पहुंची और फिर इसे किसने पैâलाया, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कार्तिक ने देवराजे गौड़ा पर इसे लीक करने का आरोप लगाया और कहा कि एसआईटी के सामने वो बयान देंगे। इस पर देवराजे गौड़ा का कहना है कि मैंने एक वकील होने का फर्ज निभाया। गांव की महिलाओं की अस्मिता मेरे लिए ज्यादा जरूरी थी। अगर राजनीति करनी होती तो पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखने की बजाय पेन ड्राइव भेज देता। प्रज्वल का टिकट अपने आप कट जाता। देवराज गौड़ा ने कहा कि एसआईटी की जांच में ये भी बात सामने आएगी कि कार्तिक ने वैâसे प्रज्वल के पर्सनल फोन से क्लिप्स को कॉपी किया।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में भाजपा नेता देवराजे ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को एक चिट्ठी लिखी थी। उसमें दावा किया था कि उनके पास एक पेनड्राइव है, जिसमें महिलाओं के यौन शोषण के करीब २,५०० वीडियो हैं। देवराजे ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया था कि प्रज्वल रेवन्ना समेत एचडी देवेगौड़ा के परिवार के कई नेताओं पर गंभीर आरोप हैं और जेडीएस के साथ हम गठबंधन में हैं। इन वीडियोज में कुछ महिला सरकारी अफसर भी दिख रही हैं। इन वीडियो का इस्तेमाल सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल रहने के लिए महिलाओं को ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने ये भी कहा था कि वीडियो और दस्तावेजों वाली एक और पेनड्राइव कांग्रेस लीडरशिप के पास पहुंच गई है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर लोकसभा चुनाव के लिए प्रज्वल को एनडीए का उम्मीदवार बनाया जाता है तो कांग्रेस इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी। इतना सब जानने समझने के बाद भी न सिर्फ प्रज्वल रेमन्ना को लोकसभा का टिकट दिया गया बल्कि उसका चुनाव प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आए थे और इस व्याभिचारी शख्स के लिए वोट भी मांगे थे। इस पर आम आदमी से लेकर शोसल मीडिया तक पर पीएम मोदी की खूब थू-थू हो रही है।

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