सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में आवारा कुत्तों की दहशत बढ़ती जा रही है। घर से निकलने पर सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्ते कब काट लेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है। मनपा के आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में हर एक घंटे में १० लोग आवारा कुत्तों के काटने से घायल होते हैं। वहीं इस साल रैबीज से बीते पांच साल में पहली मौत हुई है। आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर मनपा अपनी युक्ति से शहर को रैबीज से मुक्ति दिलाने के लिए वैक्सीनेट करने का पैâसला किया गया है। इसके तहत कल मनपा और मिशन रैबीज एंड वर्ल्ड वाइड वेटरनरी सर्विसेज (डब्ल्यूवीएस) के साथ एक समझौते पर संयुक्त हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के अनुसार, मुंबई में हर साल लगभग एक लाख आवारा कुत्तों को रैबीज का टीका लगाया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि इस उपक्रम के तहत ये सेवाएं मुफ्त दी जाएंगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग और मत्स्य पालन व पशुपालन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से २०३० तक कुत्तों में होनेवाली रैबीज बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की गई है। इसी तर्ज पर मनपा की ओर से मुंबई को ‘रैबीजमुक्त’ बनाने के उद्देश्य से मिशन रैबीज उपक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके तहत मनपा का वर्ल्ड वाइड वेटरनरी सर्विसेज (डब्ल्यूवीएस) के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया गया है। इस समझौते के मुताबिक, आवारा कुत्तों को टीका लगाने की पहल में और तेजी आएगी। एमओयू के अनुसार, यह पहल सितंबर २०२३ से शुरू होगी। इसके बाद जनवरी २०२४ में मुंबई में आवारा कुत्तों का सर्वे कराया जाएगा। उस सर्वेक्षण के आधार पर बड़े पैमाने पर रैबीज टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सिर्फ १० दिनों में करीब एक लाख आवारा कुत्तों को रैबीज वैक्सीन देने का लक्ष्य है। मनपा की ओर से कहा गया है कि साल २०१४ में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबई में लगभग ९५ हजार आवारा कुत्ते थे, जो अब बढ़कर करीब १.६४ लाख होने का अनुमान है। इन आवारा कुत्तों को रैबीज का टीका देना जरूरी है, ताकि ये रैबीज बीमारी से संक्रमित न हो जाएं। साथ ही इनके काटने से कोई इंसान रैबीज का शिकार न होने पाए।
४५० से ६०० मानव बल की होगी जरूरत
मनपा के मुताबिक, मिशन रैबीज से जुड़े विदेश से विशेषज्ञ, स्वयंसेवक आवारा कुत्तों का सर्वेक्षण और टीकाकरण करने के लिए मुंबई आएंगे। इसमें हाथ से कुत्तों को पकड़ने वालों की १०० टीमें और जाली के सहारे पकड़ने वालों की २० टीमें शामिल है। मुंबई में एक लाख आवारा कुत्तों का टीकाकरण करने के लिए लगभग ४५० से ६०० मानव बल की आवश्यकता होगी। इसके लिए विभिन्न कॉलेजों और गैर-सरकारी संगठनों की भी मदद ली जाएगी।
मनपा करेगी ये व्यवस्थाएं
मिशन रैबीज और वर्ल्डवाइड वेटरनरी सर्विसेज के साथ समझौते के अनुसार, मुंबई में आवारा कुत्तों के टीकाकरण के लिए आवश्यक टीकों और दवाओं की आपूर्ति, जन जागरूकता, शहर में स्वयंसेवकों के प्रवास के लिए वाहन व्यवस्था का वहन मनपा द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा स्वयंसेवकों के भोजन, आवास और पारिश्रमिक की व्यवस्था वर्ल्डवाइड वेटरनरी सर्विसेज की ओर से की जाएगी।