-६० फीसदी मरीज नहीं लगवा रहे हैं टीका
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
कम आयु के युवाओं में लीवर की बीमारी को लेकर चिंता बढ़ रही है। अतिरिक्त शराब का सेवन और सिरोसिस जैसी कई बीमारियों की वजह से लीवर को नुकसान हो रहा है। समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका इलाज न होने से लीवर से जुड़ी समस्याओं ने युवाओं में मृत्यु दर को भी बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ लीवर की बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी के कारण वे जांच नहीं कराते हैं। इसलिए मौजूदा समय में कई युवा लीवर की बीमारियों से जुझ रहे हैं। हेपेटाइटिस संक्रमण के शिकार ६० प्रतिशत मरीज आवश्यक टीकाकरण नहीं कराते हैं।
उल्लेखनीय है कि लीवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह डिटॉक्सिफिकेशन, पोषक तत्वों का प्रसंस्करण, हार्मोन को विनियमित करना, क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत, प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य और आवश्यक पोषक तत्वों और रसायनों को संग्रहित करना जैसे कार्य करता है। चिकित्सकों का कहना है कि हेपेटाइटिस के ए, बी सी और डी प्रकार हैं।
पांच में से एक मरीज युवा
परेल के ग्लेनईगल्स अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. उदय सांगलोडकर ने कहा कि २३-३५ साल के युवाओं में तीव्र वायरल हेपेटाइटिस, सिरोसिस, अल्कोहलिक हेपेटाइटिस, पैâटी लीवर और गैस अल्कोहलिक पैâटी लिवर से संबंधित क्रॉनिक लीवर रोग जैसी गंभीर स्थितियां काफी बढ़ रही हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह अनुपात लगभग २.१ फीसदी है। पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस समय लीवर की समस्या से पीड़ित ५ में से १ मरीज युवा है।
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के जनरल और एचपीबी सर्जन डॉ. प्रकाश कुराने ने कहा कि २० से ३६ आयु वर्ग के युवाओं में शराब के अत्यधिक सेवन के कारण लीवर की बीमारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और चीनी से भरपूर गलत आहार विकल्प भी कम उम्र में लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। संक्रमित व्यक्तियों के साथ असुरक्षित यौन संबंध और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए सुइयों का साझा उपयोग भी लीवर की बीमारी की बढ़ती घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है।
…तो लीवर ट्रांसप्लांट की पड़ सकती है जरूरत
डॉ. कुराने ने कहा कि युवाओं में लीवर की बीमारी के जोखिम के बारे में जागरूकता पैदा करना और दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने के लिए समय रहते हस्तक्षेप को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। समय रहते इलाज नहीं हुआ तो बीमारी बढ़ने पर लीवर प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है।