सामना संवाददाता / मुंबई
वर्ष २००० के दौरान सरकारी तिजोरी के पैसों से अनेक फ्लाईओवरों का निर्माण किया गया था। लेकिन इसके बदले वसूले जानेवाले टोल का पैसा एक निजी कंपनी द्वारा गटके जाने का मामला सामने आया है। दरअसल, सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, टोल का पैसा एमईपी नामकी निजी कंपनी की जेब में जा रहा है।
बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) ने टोल वसूलने के लिए मुंबई स्थित पांचों प्रवेश द्वारों का ठेका एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को महज २२४२.३५ करोड़ रुपए में दिया है। यह जानकारी अनिल गलगली द्वारा दायर की गई आरटीआई के तहत सामने आई है। वर्ष २०१०-११ से पहले, टोल का शुल्क एमएसआरडीसी स्वयं जमा कर रहा था। एमएसआरडीसी ने मुंबई में ३१ फ्लाईओवरों पर १,०५८ करोड़ ३४ लाख ६६ हजार ८८५ रुपए खर्च किए हैं और इसकी लागत पांचों प्रवेश द्वारों पर टोल बूथ बनाकर वसूल कर रही है। वर्ष २०१०-११ में एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को १९ नवंबर २०२६ तक टोल कलेक्शन का ठेका दिया गया था। इसके बदले में एमएसआरडीसी ने २,२४२.३५ करोड़ रुपए की रकम वसूल की थी।
अभिनेत्री का खुलासा
अभिनेत्री ऋजुता देशमुख ने मुंबई-पुणे हाईवे पर यात्रियों से चल रही टोल वसूली का खुलासा किया है। ऋजुता ने कहा, मैंने ३१ जुलाई को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर यात्रा की। आमतौर पर मुंबई से पुणे की यात्रा के दौरान खालापुर टोल बूथ पर २४० रुपए और तालेगांव टोल बूथ पर ८० रुपए टोल लिया जाता है। उन्होंने बताया कि जब मैं पुणे स्थित घर पहुंची तो मेरे पति को टोल के संबंध में एक संदेश मिला, जिसमें खालापुर के २४० और तालेगांव के ८० की जगह २४० रुपए टोल शुल्क काटे गए थे यानी कुल ४८० रुपए लिए गए। मैंने इसकी शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।’ इस घटना के बाद जब वे अगले दिन मुंबई आए तो मैनेजर से पूछा तो उन्होंने बताया कि अब मुंबई से लोनावला २४० और लोनावला से पुणे २४० रुपए का टोल देना होता है। इसकी शुरुआत तब हुई जब फास्ट टैग की शुरुआत की गई।
१७ वर्षों में ११९ करोड़ खर्च!
एमएसआरडीसी ने दावा किया है कि १९९९-२००० से वर्ष २०१५-१६ को लेकर १७ वर्षों में रख-रखाव पर ११९ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
एमएसआरडीसी द्वारा वसूले गए टोल
१९९९-२००० २८.३५ करोड़
२०००-०१ ५६.५७ करोड़
२००१-०२ ६५.१२ करोड़
२००२-०३ ४७६.८४ करोड़
२००८-०९ ६८.६५ करोड़
२००९-१० २३१.३९ करोड़
२००३-०४ से २००७-०८ तक पांच वर्षों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।