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मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में पानी के लिए त्राहिमाम … पानी की किल्लत से दिवावासी परेशान

डेढ़ साल से नहीं बुझ रही प्यास
हैंडपंप का पानी पीने को मजबूर हैं लोग
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र ठाणे जिले के दिवा में जलापूर्ति न होने की गंभीर समस्या से जनता जूझ रही है। दिवा के कई इलाकों में पानी की जलापूर्ति न होने से हाहाकार मचा हुआ है, लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। यहां की जनता पानी के लिए हैंडपंप और टैंकर पर निर्भर है जिसका फायदा टैंकर माफिया उठा रहे हैं। इसको लेकर अब नागरिकों में काफी नाराजगी है। दिवा की जनसंख्या लगभग एक करोड़ से अधिक है, इसके बावजूद यहां कई सालों से पानी की समस्या बनी हुई है। कई लोगों ने निजी खर्च कर नल लगवा लिए हैं लेकिन डेढ़ साल के बाद भी नलों में पानी नहीं आ रहा है। यही नहीं यहां के लोग पानी की समस्या को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे हैं। ठाणे मनपा मुख्यालय हो या फिर दिवा प्रभाग समिति कार्यालय, स्थानीय लोग इस संबंध में लगातार धरना प्रदर्शन करते रहते हैं, लेकिन समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।
टैंकर माफिया को दी जा रही है पनाह
अमोल केंद्रे ने बताया कि यहां टैंकर माफिया अत्यधिक सक्रिय हैं। इन टैंकर माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से जलापूर्ति की समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसका फायदा टैंकर माफियाओं को होता है ।
कर रहे पलायन की बात
दिवा में पानी की समस्या से परेशान नागरिक हैंडपंप से पानी निकालने की कोशिश करते है लेकिन उसमें भी बूंद-बूंद पानी आता है। लोगों को सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ते समय और ऑफिस जाते समय इस समस्या से जूझना होता है। स्थिति यह हो गई है कि पानी बेचने वाले खुद पानी की कमी का रोना रोकर पानी देने से इनकार कर रहे हैं। दर्जनों ऐसे लोग हैं जो अब दिवा छोड़ने की बात करने लगे हैं।

करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी समस्या नहीं हुई हल
इस बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अमोल केंद्रे का कहना है कि यहां के लोग गत एक-डेढ़ साल से अधिक समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन स्थानीय विधायक, सांसद और ठाणे मनपा के अधिकारियों ने कभी भी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया। केंद्रे ने कहा कि पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए करोड़ों की रकम पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है, लेकिन फिर भी आज तक दिवा शहर में इस काम को पूरा नहीं किया जा सका है।

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