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गद्दारों को नहीं है गद्दारी का भय! …इस्तीफे को लेकर मंत्रियों से लिया गया हलफनामा …मंत्री शंभुराज देसाई ने की पुष्टि

सामना संवाददाता / मुंबई
नागपुर में घाती गुट के ११ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है, लेकिन इन सभी विधायकों से एकनाथ शिंदे ने हलफनामा लिखवाया है कि ढाई साल बाद वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। मंत्री शंभुराज देसाई ने इस खबर की पुष्टि की है। देसाई ने कहा है कि ये हलफनामे इसलिए लिए गए हैं, ताकि एकनाथ शिंदे आधिकारिक तौर पर विधायकों को मंत्री पद से हटा सकें।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे, तब घाती गुट उनकी पीठ में खंजर घोंपकर गद्दारी करके बाहर हो गया था। घाती गुट के साथ गए सभी नेता केवल सत्ता और कुर्सी के लिए ही उद्धव ठाकरे को छोड़कर गए थे। इस पर अब एक तरह से मुहर लग गई है। घाती के एक करीबी प्रवक्ता ने कहा कि घाती के साथ आए विधायक न तो एकनाथ शिंदे के प्रति वफादार हैं और न ही किसी विचारधारा से बंधे हैं। इस शख्स ने कहा कि उन्हें सिर्फ सत्ता चाहिए इसलिए सत्ता का उचित वितरण होना जरूरी है।
स्वास्थ्य सचिव को दी थी खुली छूट
कई आईएएस अधिकारी तानाजी सावंत की शिकायत कर रहे थे। अधिकारियों द्वारा सावंत का काफी विरोध किया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जब सावंत स्वास्थ्य मंत्री थे, तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वास्थ्य सचिव मिलिंद म्हैसकर को विभाग चलाने की खुली छूट दी थी।

फडणवीस के कहने पर नहीं दिया गया मंत्री पद
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कहने पर तानाजी सावंत, दीपक केसरकर और अब्दुल सत्तार को वैâबिनेट से बाहर कर दिया गया है इसलिए घाती के ये तीनों विधायक नाराज हैं, वहीं घाती के विधायक संजय राठौड़ पर गंभीर आरोप होने के बावजूद उन्हें फिर से मंत्री पद दिया गया है। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान भाजपा नेता चित्रा वाघ ने राठौड़ पर आरोप लगाया था, लेकिन सूत्रों ने कहा कि चूंकि देवेंद्र फडणवीस और राठौड़ मित्र हैं, इसलिए फडणवीस ने राठौड़ के प्रति नरम रुख दिखाया है।

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