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दगाबाज ड्रैगन! … पहले दोस्‍ती का बढ़ाया हाथ फिर छुरा घोंपने लगा चीन

लद्दाख क्षेत्र में २ नई काउंटी बनाने पर बढ़ा टेंशन फिर से तनाव बढ़ने की आशंका

सामना संवाददाता / नई दिल्‍ली
लद्दाख में भारत और चीन के बीच तकरीबन साढ़े चार साल पहले टकराव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई थी। दोनों देशों की सेनाएं आपस में उलझ पड़ी थीं। हाथापाई की नौबत आ गई थी। इस घटना के बाद दोनों देशों के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे। बदलते हालात के बीच दोनों देशों ने संबंधों को सामान्‍य बनाने के लिए कई दौर की वार्ता की। आखिरकार घटना के तकरीबन साढ़े चार साल बाद भारत और चीन के बीच सहमति बन गई। रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। इसके बाद लद्दाख में एलएसी पर महीनों से जमी बर्फ पिघलने लगी और पिछले साल इस विवाद को सुलझा लिया गया। दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गर्इं और पूर्व की स्थिति बहाल हो गई। अब एक बार फिर से चीन ने अपनी बदनीयती दिखाई है। बीजिंग के इस कदम से लद्दाख रीजन में फिर से तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
दरअसल, चीन ने लद्दाख के होतान क्षेत्र में दो काउंटी बनाने की घोषणा की है। जिस रीजन के लिए चीन की ओर से यह ऐलान किया गया है, असल में वह भारत का है। नई दिल्‍ली का आरोप है कि चीन ने लद्दाख के इस क्षेत्र पर अवैध तरीके से कब्‍जा कर रखा है। अब उसी क्षेत्र में दो काउंटी बनाने की घोषणा कर दी गई है। भारत ने पड़ोसी देश के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमने चीन के होतान प्रान्त में दो नए काउंटी बनाने से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटी के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं।

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