अशोक तिवारी / कुर्ला
राज्य सरकार ने वृक्ष कटाई को रोकने के लिए महाराष्ट्र वृक्ष संरक्षण व जतन अधिनियम १९७५ बनाया है। फिर भी मुंबई में वृक्षों का कत्लेआम धड़ल्ले से शुरू है। कुर्ला में हुई वृक्षों की कटाई पर मनपा प्रशासन के उदासीन रवैये ने पर्यावरणप्रेमियों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
कुर्ला के ‘एल’ वार्ड अंतर्गत साकीनाका स्थित एमटीएनएल कार्यालय के सामने बंद पड़ी एक इमारत परिसर में ३ सितंबर को करीब १५ वृक्ष अवैध रूप से काटे गए। सूचना मिलते ही स्थानीय पर्यावरणप्रेमी विनोद सोनकांबले ने तत्काल मौके पर पहुंचकर घटना का वीडियो बनाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस नियंत्रण कक्ष और मुंबई मनपा के उद्यान अधीक्षक महेश ईनिक व सुनील सांघरे को वीडियो भेजकर मामले की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने वृक्ष काटने वाले व्यक्ति और विनोद सोनकांबले को पुलिस स्टेशन ले जाकर दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया। फिर पुलिस ने यह कहकर मामला टाल दिया कि इस संदर्भ में मनपा ही शिकायत दर्ज करा सकती है। वहीं बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी मनपा अधिकारी घटनास्थल पर गए ही नहीं। मनपा अधिकारी घटना के ११ दिन बाद १४ सितंबर को वहां पर दौरा करने गए तो वहां उन्हें वृक्ष काटने का कोई सबूत नहीं मिला। विनोद सोनकांबले का आरोप है कि उन्होंने घटना का वीडियो मनपा और पुलिस को दिया है, जिसमें वृक्ष काटते हुए साफ देखा जा सकता है लेकिन मनपा अधिकारियों ने वृक्ष काटने वाले को सबूत मिटाने के लिए ११ दिनों का मौका दिया। विनोद के मुताबिक, यह गैर कानूनी और महाराष्ट्र वृक्ष संरक्षण व जतन अधिनियम १९७५ का सरासर उल्लंघन है। विनोद सोनकांबले ने मुख्यमंत्री समेत मनपा और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण की जांच कर वृक्ष काटने वालों पर मामला दर्ज करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस संदर्भ में प्रतिक्रिया लेने के लिए ‘दोपहर का सामना’ के संवाददाता ने उद्यान अधीक्षक महेश ईनिक से संपर्क करने की कई कोशिशें की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।