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धनशक्ति पर जनशक्ति की जबरदस्त जीत: महाविकास आघाड़ी ने दी भाजपा को जोरदार पटखनी!-कसबा में कांग्रेस की जीत

सामना संवाददाता / मुंबई
पुणे स्थित कसबा पेठ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का गढ़ ध्वस्त हो गया है। वहां भाजपा की धनशक्ति पर जनशक्ति भारी पड़ी और महाविकास आघाड़ी ने भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी है! महाविकास आघाड़ी के उम्मीद्वार रवींद्र धंगेकर ने भाजपा के हेमंत रसाने को १०,९१४ मतों से करारी शिकस्त दी। पुणे की समझदार जनता ने राज्य में ‘मिंधे’ सरकार के खिलाफ वोट दिया है। धंगेकर की जीत के बाद पुणे के पेठों को गुलाल के रंगों से नहला दिया गया। खूब जश्न मनाया गया। इस बीच चिंचवड में भी भाजपा विरोधी वोटिंग हुई है। हालांकि, भाजपा की अश्विनी जगताप की जीत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि वहां एक बागी खड़ा हो गया था।
कसबा विधायक मुक्ता तिलक और चिंचवड विधानसभा विधायक लक्ष्मण जगताप के निधन से इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हुए थे। ये दोनों सीटें भाजपा के पास थीं। खासकर पुणे के मध्य में स्थित कसबा विधानसभा क्षेत्र भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता था। गिरीश बापट १९९५ से लगातार पांच बार चुने गए थे।

‘भाजपा पानी के ऊपर का बुलबुला, कसबा में फूटा’
भाजपा पानी के ऊपर का बुलबुला है। कसबा के परिणाम ने इसे फोड़ दिया। इसकी शुरुआत महाविकास आघाड़ी ने की है। यह बात शिवसेना नेता, सांसद संजय राऊत ने कही। उन्होंने कहा कि कसबा को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। पहले यह ३० साल तक शिवसेना के समर्थन से चुनकर आते थे। गिरीश बापट, मुक्ता तिलक होंगे। उनके लिए शिवसेना का योगदान रहा है। उन्हें अब शिवसेना का कोई समर्थन नहीं है। लेकिन डुप्लीकेट शिवसेना और जो उनके पीछे है, उसका पर्दा अब फट चुका है। कोई भी चुनाव हो, डुप्लीकेट शिवसेना का असर कहीं नहीं दिखेगा और आगे एक भी गद्दार सभागृह में नहीं दिखाई देंगे। महाराष्ट्र में इस समय चोरों की टोली के कारण जो माहौल है, उससे डरने की कोई बात नहीं है। आज हमारे पास पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न नहीं है, फिर भी हम जहां भी जाते हैं, वहां उत्साह पहले से ज्यादा होता है। यही है कोल्हापुर में तस्वीर। लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम, हॉल में एक भी गद्दार नहीं दिखेगा। पूरी जनता महाविकास आघाड़ी के साथ मजबूती से खड़ी है।

चिंचवड विधानसभा उपचुनाव में बागी प्रत्याशियों के चलते हुए मत विभाजन ने भाजपा को जीत दिलाई है। भाजपा की प्रत्याशी अश्विनी जगताप को १,३५,६०३ मत मिले, जबकि महाविकास आघाड़ी के नाना काटे को ९९,४३५ मत प्राप्त हुए। इसी तरह निर्दलीय प्रत्याशी राहुल कलाटे ने ४४,११२ मत हासिल करते हुए भाजपा को जीत दिलाई। केवल मतों के त्रिभाजन होने की वजह से महाविकास आघाड़ी के राष्ट्रवादी के प्रत्याशी नाना काटे को पराजय का सामना करना पड़ा।
२०१९ में गिरीश बापट सांसद बने और भाजपा के मुक्ता तिलक विधायक बने। यह निर्वाचन क्षेत्र लगातार २८ वर्षों तक भाजपा के पास रहा, लेकिन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने महाविकास आघाड़ी की जबरदस्त एकता बनाई। कांग्रेस ने रवींद्र धंगेकर को उम्मीदवार बनाया। महाविकास आघाड़ी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुरू से ही इस अभियान का नेतृत्व किया और धंगेकर ने भाजपा नेता को धूल चटा दी। विधानसभा उपचुनाव के लिए मतगणना सुबह ८ बजे शुरू हुई और दोपहर २:३० बजे समाप्त हुई। रवींद्र धंगेकर ने पहले ही राउंड से आखिरी २०वें राउंड तक अपनी बढ़त बनाए रखी।

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