• १५ अगस्त से पहले आइसिस आतंकियों को अंजाम देना था ‘ऑपरेशन ब्लास्ट’
• मुंबई-पुणे जैसे कई शहर थे टारगेट
नागमणि पांडेय / मुंबई
पुणे में आइसिस के आतंकियों ने बम बनाने का लैब बना डाला था। यह खुलासा गिरफ्तार आतंकियों की पूछताछ से हुआ है। गत सप्ताह पुणे से आइसिस के पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इन आतंकियों के पास से जब्त मोबाइल की जांच में ‘ऑपरेशन ब्लास्ट’ का खुलासा हुआ है। ये आतंकी १५ अगस्त से पहले इस ऑपरेशन को अंजाम देनेवाले थे। मुंबई, पुणे जैसे देश के कई शहर इनके टारगेट पर थे।
पूछताछ में इन आतंकियों ने बताया है कि भीड़भाड़ वाले इलाके और कई सरकारी कार्यालय भी इनके निशाने पर थे। इसमें इजरायल से जुड़ा कोलाबा का चबाड़ हाउस भी था। इस ब्लास्ट से पहले ट्रायल के लिए पुणे में यह लैब बनाया गया था। एटीएस ने आरोपियों की निशानदेही पर छापा मारकर बम बनाने के उपयोग में आने वाले केमिकल और सामानों को जब्त किया है। आरोपी बम बनाकर बड़े शहरों में धमाका करने का बड़ा प्लान बना रहे थे। एटीएस ने पुणे से एक जगह पर छापा मारकर बम बनाने वाली चीजों को जब्त किया है, जो कि सब लैब मटेरियल है। इसी लैब में टाइम बम बना रहे थे। इसका ट्रायल सातारा के जंगलों में कर चुके थे। सबसे बड़ी बात है कि आतंकी टाइम बम के जरिए ब्लास्ट की फिराक में थे। आरोपियों से पूछताछ के बाद जिन दुकानों से बम बनाने का सामान खरीदा गया था, उसकी पहचान कर ली गई है। इसके पहले आरोपियों के पास से केमिकल पावडर भी बरामद हुआ था। संदिग्ध आतंकवादी वीडियो और तस्वीरें लेने के लिए ड्रोन का उपयोग करते थे, लेकिन अभी स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने इनकी मदद से कितनी और कौन-कौन सी तस्वीरें ली हैं।
चोरी की बाइक से करते थे रेकी
पुणे से गिरफ्तार आतंकियों की पूछताछ से पता चला है कि वे चोरी की बाइक से रेकी किया करते थे। एटीएस द्वारा शुरू की गई जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार दोनों आतंकी पश्चिमी महाराष्ट्र में बाइक्स से रेकी करते थे। वे बम बनाने के बाद ब्लास्ट के लिए जंगल में लोकेशन खोजते थे और कोल्हापुर, सातारा से पुणे तक इन्होंने ऐसे कई ठिकाने बना भी लिए थे। इसके लिए इन्होंने एक आतंक की लैब भी बनाई थी। एटीएस ने गिरफ्तार आरोपियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने लिए रत्नागिरी जिले से आईटी इंजीनियर एस एन काजी और गोंदिया से कादिर दस्तगीर पठान को भी गिरफ्तार किया है। काजी ने इन्हें ऑनलाइन पेमेंट किया था। बाकी समय पेमेंट वैâश में हुए थे। इसी मामले में एटीएस ने ज़ुल्फिकार अली बड़ौदावाला को भी गिरफ्तार किया है। अब एटीएस ने उसे हिरासत में लिया है। उसे ११ अगस्त तक एटीएस कस्टडी में भेज दिया गया है, जहां कई और खुलासे होने की उम्मीद है। उसके ऊपर आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों को फंड मुहैया कराया था।
बता दें कि पुणे के कोथरूड में १८ जुलाई की रात बाइक चोरी के शक में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया था। जांच में पता चला कि कार और बाइक की चोरी करने के पीछे कोई मामूली चोरी नहीं बल्कि देश के खिलाफ जंग और आतंकवाद का बेहद खौफनाक चेहरा है। यदि समय रहते ये हाथ नहीं आते तो महाराष्ट्र की धरती पर १९९२-९३ जैसा हमला दोहराया जाता। पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए दो आतंकी, ‘अल सूफा’ के स्लीपर सेल के लिए काम करते हैं और शाहनवाज इनका गॉड फादर था। उसीके इशारे पर सारी साजिश रची जा रही थी।