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चुनावी लाभ की चालबाजी… मेट्रो ९ का लॉलीपॉप यात्रियों को लटकाएगा!.. ८ से १५ मिनट होगी फ्रीक्वेंसी

सामना संवाददाता / मुंबई

दहिसर से काशीगांव के बीच मेट्रो-९ का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। एमएमआरडीए और एमएमओओसीएल का दावा है कि इसका पहला चरण मार्च २०२५ तक यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस लाइन के शुरू होने से मेट्रो लाइन २ए और ७ की सेवाएं प्रभावित होंगी और उनकी सेवाओं का अंतराल बढ़ जाएगा। ऐसे में जानकारों का मानना है कि चुनावी लाभ के लिए मेट्रो-९ का लॉलीपॉप यात्रियों को लटकाएगा।
फ्रीक्वेंसी में होगा बदलाव
अभी पीक आवर्स में मेट्रो २ए और ७ के बीच का अंतराल ८ मिनट है, जबकि नॉन-पीक आवर्स में यह १० मिनट होता है। लेकिन मेट्रो ९ के पहले चरण के शुरू होने के बाद यह अंतराल १२ से १५ मिनट तक बढ़ सकता है। इसकी वजह है चारकोप डिपो की सीमित क्षमता। चारकोप डिपो में २४ रेक्स रखने की क्षमता है, जिसमें से २१ रेक्स का उपयोग पहले से ही मेट्रो २ए और ७ के लिए किया जा रहा है। मेट्रो ९ के लिए आने वाले नए रेक्स के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं।
पहले चरण के स्टेशन
दहिसर से भायंदर (पश्चिम) तक बनने वाली यह मेट्रो लाइन १०.४१ किलोमीटर लंबी है। इसमें कुल ८ स्टेशन होंगे, जिनमें से पहले चरण में ४ स्टेशन दहिसर, पांडुरंग वाडी, मीरा-गांव और काशीगांव शामिल हैं।
रूट और विस्तार की योजना
मेट्रो-९ का दूसरा चरण (काशीगांव से सुभाष चंद्र बोस मैदान) २०२५ के अंत तक पूरा होने की संभावना है। इस लाइन को आगे अंधेरी (पूर्व)से छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक जोड़ा जाएगा। बढ़ते ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए, हटकेश से गोल्डन नेस्ट सर्कल के नीचे तीन फ्लाईओवर भी बनाए जा रहे हैं।
कारशेड विवाद और नए स्थान का चयन
पहले मेट्रो कारशेड का निर्माण राई गांव में प्रस्तावित था, लेकिन स्थानीय विरोध के कारण इसे उत्तन के डोंगरी क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके चलते मेट्रो ९ का विस्तार सुभाष चंद्र बोस मैदान से डोंगरी तक करने की योजना है। इस विस्तार से मूर्धा, राई और मोरवा जैसे गांवों को भी मेट्रो कनेक्टिविटी मिल सकेगी। हालांकि, इस प्रोजेक्ट को अभी तक अंतिम मंजूरी नहीं मिली है।
चुनावी वादा या यात्री सुविधाओं पर समझौता?
मेट्रो-९ को २०२५ में जनता को सौंपने का वादा किया गया है, लेकिन अधूरी तैयारियों और डिपो की कमी के कारण यात्रियों को बेहतर सेवाओं के बजाय लंबी प्रतीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
चारकोप डिपो में २४ रेक्स रखने की क्षमता है, जिसमें से २१ रेक्स का उपयोग पहले से ही मेट्रो २ए और ७ के लिए किया जा रहा है। मेट्रो ९ के लिए आने वाले नए रेक्स के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं।
प्रोजेक्ट एक नजर में
कुल लागत : ₹६,६०७ करोड़
कुल स्टेशन : ८
पहले चरण के स्टेशन : ४
कुल लंबाई : १३.५८१ किमी

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