मुख्यपृष्ठनए समाचारउल्हासनगर में हो रहा है तिरंगे झंडे का अनादर!

उल्हासनगर में हो रहा है तिरंगे झंडे का अनादर!

 अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

उल्हासनगर देश का पहला शहर होगा, जहां के लोग 15 अगस्त व 26 जनवरी को शहर को तिरंगे झंडे इतना लहराते हैं कि एक बार देखने वाला महसूस करेगा कि उल्हासनगर जैसा देशभक्त कहीं नहीं है, परंतु उस झंडे की अनदेखी तब तक की जाती है, जब तक वह गंदा होकर फट नहीं जाता। उल्हासनगर में तिरंगे की आचार संहिता का ज्ञान शासन, प्रशासन, रहिवासी किसी को नहीं है। जिसके कारण उल्हासनगर में तिरंगे झंडे का अपमान शुरू है। इसके बावजूद रक्षक लोगों को तिरंगे झंडे के सम्मान की चिंता नहीं है।
बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत वर्ष देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्स का नाम देकर हर घर झंडा लगाने की अपील देशवासियों से की थी। उनकी अपील को मानते हुए उल्हासनगर के प्रशासन ने रिकॉर्ड बनाने के लिए तिरंगे झंडे को लाइट के पोल, बगीचे, औद्योगिक इमारत, कारखाने, पतरे के घर में ऐसे लगाया मानो पार्टी का झंडा हो। झंडे को झुका कर लगाया गया। पूर्व नगरसेवकों ने तो तिरंगे झंडे को मानो प्रचार का माध्यम बना लिया हो। तिरंगा झंडा आज भी झुके, फटे, गंदे फहर रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि उल्हासनगर के नागरिक, नेता, शासन, प्रशासन के साथ ही पुलिस प्रशासन तक तिरंगे झंडे के अपमान, तिरंगे झंडे की आचार संहिता को कायम रखने में फेल साबित हो रहा है। सच्चे देशभक्त उल्हासनगर में हो रहे तिरंगे झंडे की आचार संहिता के मजाक को देखकर कह रहे हैं कि मोदी जी हैं तो सब मुमकिन है।

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