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२३ अगस्त को चांद पर लहराएगा ‘तिरंगा’ चंद्रयान-३ होगा विजयी! भारत बनेगा विश्वगुरु, इसरो ने किया दावा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इसरो का बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान ३ का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज २५ किमी की दूरी पर चांद के चक्कर लगा रहा है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-३ का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है और अब २३ अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रच देगा। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-३ मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह पर २३ अगस्त २०२३ को शाम ६.०४ बजे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इसरो के मुताबिक, लैंडर मॉड्यूल के लैंडिंग से पहले इसकी आंतरिक जांच की जाएगी। इसके बाद जैसे ही २३ अगस्त को चांद पर सूरज निकलेगा, वैसे ही चांद की सतह पर लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
हिंदुस्थान होगा पहला देश
बता दें कि इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की है, लेकिन अभी तक चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में किसी देश के स्पेसक्राफ्ट ने लैंडिंग नहीं की है। भारत अगर इसमें सफल हो जाता है तो वह यह उपलब्धि हासिल करनेवाला पहला देश बन जाएगा। अमेरिका के सर्वेयर-१ ने १९६६ में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। चीन के चांग-३ ने अपने पहले ही प्रयास में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी, वहीं रूस के लूना-९ ने भी सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग की थी।

नासा के लिए अहम है चंद्रयान-३
चंद्रयान के जरिए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर खनिज और पानी की मौजूदगी का पता लगाया जाएगा। यही बातें इस मिशन की सफलता पर मुहर लगाएंगी। इसरो का यह मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के लिए महत्वपूर्ण होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अगले साल नासा चांद के इसी दक्षिण ध्रुव पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारेगा इसलिए चंद्रयान-३ मिशन से मिलनेवाली हर जानकारी नासा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। ऐसे में २३ अगस्त की तारीख भारत और नासा के लिए बेहद अहम साबित होगी।

रूस का मून मिशन लूना-२५ कैश
रूस का लूना-२५ मून मिशन फेल हो गया है। रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोमोस ने बताया कि उनका संपर्क ‘लूना-२५’ स्पेसक्राफ्ट से टूट गया है। माना जा रहा है कि चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद लूना-२५ से संपर्क टूट गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-२५ अपने निर्धारित रास्ते से भटक गया और चंद्रमा की सतह से जा टकराया। इसके कारण लूना-२५ को नुकसान पहुंचा और संपर्क टूट गया। रूस को अपने इस मिशन से बहुत उम्मीदें थीं, जो व्रैâश होते ही धराशायी हो गईं। बता दें कि रूस ने ४७ साल बाद अपना मून मिशन लॉन्च किया था। लूना-२५ को १० अगस्त को लॉन्च किया गया था। इसकी लैंडिंग २१ अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होनी थी। जानकारी के मुताबिक, रूस के इस मिशन में कुल १,६०० करोड़ रुपए लगे थे। रोस्कोमोस ने बताया कि १९ अगस्त को स्थानीय समय के मुताबिक, २.५७ बजे लूना-२५ स्पेसक्राफ्ट से संपर्क टूटा। इसके बाद १९ और २० अगस्त को स्पेसक्राफ्ट से संपर्क साधने की कोशिश की गई मगर कामयाबी नहीं मिली।

रिकॉर्ड बनाएगा चंद्रयान-३ चांद पर बनाएगा ‘अशोक स्तंभ’
इसरो का चंद्रयान-३ रिकॉर्ड बनाने की तरफ बढ़ रहा है। यह चांद के करीब पहुंच गया है। यहीं से अब ये २३ अगस्त को चांद के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान के पहले और और दूसरे मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे एम अन्नादुरई का कहना है कि २३ अगस्त की शाम को होने वाली सॉफ्ट लैंडिंग खास होगी। लैंडिंग के दौरान चंद्रयान दो रिकॉर्ड बनाएगा। पहला, अगर सॉफ्ट लैंडिंग सफल रही तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह कारनामा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। दूसरा रिकॉर्ड तब बनेगा, जब चंद्रयान-३ चांद पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ बनाएगा। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-३ के लैंडर को करीब ३० मीटर की ऊंचाई से चांद पर उतरने में १५ से २० मिनट का वक्त लगेगा। इस प्रक्रिया के दौरान विक्रम लैंडर से रैंप की मदद से ६ व्हील वाले प्रज्ञान रोवर को चांद पर उतारा जाएगा। धीरे-धीरे यह बाहर आएगा। इसरो इसे कमांड देगा और यह अपने पहियों के जरिए ही चांद की जमीन पर भारत का राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ बनाएगा। इस तरह इसरो चांद पर भारत की छाप छोड़ेगा।

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