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यूपी-बिहार जानेवालों पर मुसीबत… उड़ानों का किराया आसमान पर!

• गो फर्स्ट के जमीन पर आते ही एविएशन सेक्टर में बढ़ा फेयर
• ९ मई तक हुई गो फर्स्ट की सारी फ्लाइट कैंसल
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
गो फर्स्ट की उड़ान अचानक रद्द हो जाने से यात्रियों खासकर यूपी-बिहार जानेवालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, अप्रैल और मई महीने में स्कूलों की छुट्टियों के साथ ही शादी-विवाह का मौसम होता है। चूंकि यूपी-बिहार की बड़ी आबादी मुंबई में रहती है। लिहाजा, ऐसे में मुंबई से यूपी और बिहार जानेवालों की संख्या बहुत अधिक होती है। ट्रेनों में अपने गांव जानेवालों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। कई बार यात्रियों को ट्रेन का टिकट तक मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यात्री फ्लाइट्स की एडवांस टिकट बुकिंग कर यात्रा करना अधिक फायदेमंद समझते हैं। लेकिन अब अचानक देश की चौथी सबसे बड़ी एयरलाइन गो-फर्स्ट जो लगभग अपने आठ प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दिवालिया हो गई है, का भरपूर असर उत्तर भारतीयों की जेब पर पड़नेवाला है और यूपीवालों के लिए ये बहुत बड़ी मुसीबत बन गया है।
आमजनों के लिए महंगी होगी यात्रा
गो-फर्स्ट के दिवालिएपन की घोषणा के साथ यह स्पष्ट संकेत है कि आमजनों के लिए हवाई यात्रा अधिक महंगी हो जाएगी क्योंकि इस कंपनी के यात्री दूसरी कंपनियों की ओर रुख करेंगे। इसके अलावा गो-फर्स्ट के द्वारा उत्तर भारत के लिए अच्छी संख्या में फ्लाइट का संचालन किया जा रहा था। अधिकांश मध्यमवर्गीय रेलवे के टिकट के बुरे हाल से परेशान होकर फ्लाइट की एडवांस टिकट बुकिंग कर अपनी यात्रा की आस लगाए बैठे थे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह स्थिति कम-से-कम एक साल तक बनी रहेगी।
यात्रा कितनी होगी महंगी?
गो-फर्स्ट और स्पाइसजेट दोनों के पास जमीन पर करीब ६० हवाई जहाज हैं। इसके अलावा देश में एयरपोर्ट्स ने पार्विंâग चार्ज और ग्राउंड हैंडलिंग चार्ज में ३० फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसका सीधा असर एयरलाइंस की लागत पर पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप एयरलाइनों ने इस लागत को वसूलने के लिए विभिन्न मार्गों पर अपने किराए में न्यूनतम २२ प्रतिशत से अधिकतम ४४ प्रतिशत की वृद्धि की है। अब अगर सभी गो-फर्स्ट यानी ६० प्लेन्स बंद जाती हैं तो ये कीमतें और बढ़ेंगी।

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