मुख्यपृष्ठनए समाचारतंगहाल आईएसआई की नई साजिश, अब कश्मीर में बूढ़े करेंगे बलवा! ३५०...

तंगहाल आईएसआई की नई साजिश, अब कश्मीर में बूढ़े करेंगे बलवा! ३५० रिटायर आतंकियों को किया जा रहा एक्टिव, संदेश के डिकोड से हुआ खुलासा

दीपक शर्मा / जम्मू
आर्थिक तंगहाली, आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे बदहाल पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई अब बूढ़े आतंकियों के सहारे जम्मू-कश्मीर में बलवा कराएगी। आईएसआई के आदेशों पर ९० के दशक में सीमा पार कर पाकिस्तान में शरण लिए बैठे आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए ऐसे करीब ३५० आतंकवादियों को पुन: एक्टिव किया जा रहा है। हिंदुस्थानी खुफिया एजेंसियों ने सीमापार के डिकोड किए गए संदेशों से इस बात का खुलासा किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, आईएसआई ने रावलपिंडी में हुई एक बैठक में उन तमाम आतंकवादियों का डेटा एकत्र करने का आदेश जम्मू-कश्मीर में वांछित भगोड़े आतंकवादियों को दिया है। बताया जा रहा है कि आईएसआई चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में मौजूद ३५० के करीब बूढ़े आतंकवादियों के जरिए युवकों की नई भर्ती करवाई जाए, ताकि जम्मू-कश्मीर को पुन: दहलाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे अशांत क्षेत्र घोषित करवाने का उसका एजेंडा पूरा हो सके। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना भी आईएसआई के नापाक मंसूबों को पूरा करवाने में अहम भूमिका निभा रही है। रविवार देर रात स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल असीम मुनीर द्वारा कश्मीर राग छेड़ा जाना इस बात की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान अपनी बदहाली के बावजूद हिंदुस्थान में अस्थिरता पैâलाने के अपने नापाक एजेंडे से बाज आने वाला नहीं है। मुनीर ने अपने संबोधन में कहा, जैसे हमें ७६ साल पहले आजादी मिली, वैसे ही कश्मीर के लोगों को भी कब्जा करने वाली ताकतों से आजादी मिलेगी।
पाक आर्मी चीफ मुनीर ने कश्मीर पर कथित कब्जे पर चर्चा के लिए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से गुहार लगाई है। वहीं, उसने हिंदुस्थान के राष्ट्रवाद पर उंगली उठाते हुए कहा कि दुनिया को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। कोई भी आक्रामक विचार हमें मजबूर नहीं बना सकता है। ये क्षेत्र दो परमाणु शक्तियों के बीच दुश्मनी होने की स्थिति में नहीं है। हिंदुस्थान पर आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, ‘हमारा प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक फायदे के लिए हमारे खिलाफ अपने मंसूबों को बढ़ा रहा है। मैं उन्हें पिछली बार इस तरह की कोशिश करने पर मिले जवाब की याद दिलाना चाहता हूं।’
११ अगस्त को पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट लिखने पर कई लोगों की गिरफ्तारी हुई। स्थानीय पुलिस ने उन्हें पीटा और पाकिस्तान के समर्थन में उनसे पोस्ट करवाए। पीओके की सरकार ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर सभी सरकारी इमारतों पर अपना झंडा लगाने के आदेश दिए, जो यूएन रेजोल्यूशन के खिलाफ है। इन हालातों में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि अपनी बदहाली के बावजूद जम्मू-कश्मीर को लेकर उसकी कसक कितनी गहरी है।

अन्य समाचार

बोले तारे