अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाल ही में एक संबोधन भारत में चर्चा का विषय बन गया है। इस संबोधन में ट्रंप ने ईवीएम और पेपर बैलट के मुद्दे पर कुछ अहम टिप्पणियां की हैं, जिनका असर भारत में राजनीतिक हलकों में महसूस किया जा रहा है। ट्रंप ने एक बयान में साफ-साफ कह दिया है कि वोटिंग के लिए ईवीएम मशीन सही नहीं है। इसका तो यही मतलब हुआ कि कांग्रेस के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईवीएम को बेवफा बताया है।
दरअसल, यह घटना शनिवार की है, जब ट्रंप ने अमेरिका के गवर्नरों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पेपर बैलट और ईवीएम के बारे में अपनी राय साझा की। ट्रंप ने कहा, `एलन मस्क ने मुझसे कहा था कि मशीनें वोटिंग के लिए नहीं बनी हैं, वे इसके लिए सही नहीं हैं। इसके अलावा, एमआईटी के एक प्रोफेसर ने भी कहा था कि चुनाव के लिए पेपर बैलट ही सही हैं।’ ट्रंप ने पेपर बैलट के फायदे बताते हुए कहा, `यह तरीका अच्छा है, इसे कॉपी नहीं किया जा सकता और इससे धोखाधड़ी की संभावना नहीं होती। ये पेपर बेहद जटिल होते हैं और इनमें वॉटरमार्क जैसी सुरक्षा होती है।’ उन्होंने यह भी कहा कि यदि सुरक्षित और विश्वसनीय चुनाव प्रणाली की बात हो, तो बैलट पेपर सबसे अच्छा विकल्प है, भले ही इसके लिए अधिक लागत आए। ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के बारे में एलन मस्क से बात की थीं। मस्क, जो कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में माहिर हैं, ने कहा कि कंप्यूटरों पर आधारित वोटिंग सिस्टम विश्वसनीय नहीं है। ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि वह चुनाव प्रक्रिया के लिए बैलट पेपर को अधिक सुरक्षित मानते हैं, क्योंकि यह गड़बड़ी और धोखाधड़ी से मुक्त होता है।
ट्रंप के बयान ने भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल
ट्रंप के इस बयान की भारत में खूब चर्चा हो रही है। कई भारतीय राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने ट्रंप के बयान का हवाला देकर ईवीएम पर सवाल उठाए। कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता ट्रंप के इस बयान को साझा कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने ईवीएम पर भरोसा न करने की बात की। वे मानते हैं कि ट्रंप का यह बयान भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करता है।