२०० से २५० के करीब रोजाना ओपीडी में आते हैं मरीज
अनिल मिश्रा / बदलापुर
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक अस्पताल ऐसा है, जहां पर केवल एक ही डॉक्टर तैनात है। बदलापुर के शहिद बाबा शिवप्रसाद दुबे अस्पताल में डॉक्टर राजेश अंकुश चिकित्सा अधिकारी भी हैं। चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के अन्य प्रशासकीय काम से बाहर जाने पर अस्पताल बंद रहता है। एक डॉक्टर होने और कभी-कभी उनके काम के बाहर जाने के चलते सैकड़ों मरीजों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। आज मानसूनी बीमारी का जोर हैं। सामाजिक संगठनों ने नपा के मुख्याधिकारी योगेश गोडसे को पत्र लिखकर आवश्यकता के अनुरूप डॉक्टर की नियुक्ति करने की मांग की है।
बदलापुर नपा मुख्यालय के समीप दुबे अस्पताल है। यह अस्पताल नपा द्वारा संचालित है। अस्पताल में दस बेड की व्यवस्था है। अस्पताल में ओपीडी में प्रतिदिन २०० से २५० के करीब मरीज आते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बुलाने पर डॉक्टर राजेश अंकुश को रिपोर्ट के लिए ठाणे जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अस्पताल बंद रहता है। बदलापुर के ‘सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन’ के सचिव डी.एच.कटकर व ‘नमस्ते बदलापुर’ के अध्यक्ष ईश्वर देशमुख ने नपा मुख्याधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि बदलापुर नपा वर्ग ‘अ’ स्तर की नपा हैं। दुबे अस्पताल में तीनों शिफ्ट में डॉक्टर उपलब्ध होने चाहिए, तदनुसार, अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जानी चाहिए। बदलापुर शहर के एक कोने पर काफी दूर बदलापुर ग्रामीण अस्पताल बनाया गया है। दुबे अस्पताल के बंद होने की स्थिति में बदलापुर के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।