सामना संवाददाता / सूरत
भाजपा अपने विरोधियों के हौसले तोड़ने के लिए केंद्रीय जांच एजेंfसयों के साथ-साथ अब कोर्ट और कानून का भी दुरुपयोग करने लगी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में ऐसा विशेष तौर पर देखने को मिल रहा है लेकिन राहुल गांधी किसी भी कीमत पर हार मानने को तैयार नहीं हैं। कल उन्होंने अपने संघर्ष का जज्बा एक बार फिर दिखाया। राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के बाद सोमवार को कहा कि वह ‘मित्रकाल’ के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें सत्य ही उनका अस्त्र है।
बता दें कि राहुल गांधी ने कल ट्वीट किया, ‘ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में सत्य मेरा अस्त्र है और सत्य ही मेरा आसरा!’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, कांटों में राह बनाते हैं।’ गौरतलब हो कि राहुल गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में उनकी २०१९ की टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ सोमवार को सत्र अदालत में अपील दायर की। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। बताया जा रहा है कि सत्र अदालत मामले की सुनवाई १३ अप्रैल को करेगी। बता दें कि करीब ४ साल पहले राहुल गांधी द्वारा दी गई ‘सब मोदी…’ वाली टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि के एक मुकदमे की वजह से निचली अदालत ने पिछले महीने राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल के लिए जेल की सजा सुनाई थी।