तुर्की की संसद में एक सांसद की रिहाई को लेकर इतना बड़ा हंगामा हो गया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के खूनों से तुर्की की संसद लाल हो गई। इसके साथ ही जमकर सासंदों में लात-घूसे चलने के वीडियो वायरल हुए।
यह घटना तब हुई, जब सांसद अहमेत सिख ने अपने एक साथी सांसद की रिहाई की मांग की, जो सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आरोप में जेल में बंद हैं, लेकिन उन्हें संसद सदस्य चुना गया है। इस मांग के बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सत्ताधारी एकेपी पार्टी के सांसदों ने सिख पर हमला कर दिया, जिसके बाद संसद में खून-खराबा हुआ।
इस घटना की जड़ें २०१३ में आयोजित गेजी पार्क विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी हैं। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के आरोप में २०२२ में कन अटालाय को १८ साल की सजा सुनाई गई थी। तुर्की की संसद में मारपीट की घटनाएं दुर्लभ हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं है। जून में भी Aख्झ् के सांसदों ने प्रोकुर्दिश DEश् पार्टी के सांसदों से झड़प की थी। यह झड़प एक DEश् पार्टी के मेयर की गिरफ्तारी और उनके स्थान पर किसी और की नियुक्ति के बाद हुई थी, जिन पर आतंकवादी संबंधों का आरोप था।
उन्हें सरकार गिराने की साजिश के तहत दोषी ठहराया गया था। अटालाय के साथ-साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं और परोपकारी ओस्मान कावला को भी इसी मामले में सजा हुई। हालांकि, इन सभी ने आरोपों से इनकार किया है। वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि सत्ताधारी पार्टी के सांसद तेज़ी से सिख की ओर बढ़े और उन पर घूंसे बरसाने लगे। कुछ सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर में माहौल पूरी तरह से बेकाबू हो गया। स्पीकर के पोडियम की सफेद सीढ़ियां खून से सनी हुई नज़र आईं। इस सजा के बावजूद अटालाय को पिछले साल मई में तुर्की वर्कर्स पार्टी से संसद सदस्य चुना गया था, लेकिन संसद ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी। १ अगस्त को तुर्की के संवैधानिक न्यायालय ने इस निष्कासन को अवैध घोषित किया और अटालाय की संसद में वापसी का रास्ता साफ किया।
मारपीट के बाद उप-सभापति ने संसद की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। तीन घंटे के बाद, संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन इस बार सभापति ने खुद कार्यवाही की अध्यक्षता की। संसद ने अहमेत सिख के बयानों के लिए उन्हें फटकार लगाई, जबकि Aख्झ् के अल्पाय ओज़ालान को शारीरिक हमले के लिए चेतावनी दी गई।
अहमेत सिख ने संसद में बोलते हुए सांसदों से कहा कि हमें आश्चर्य नहीं होता कि आप कन अटालाय को आतंकवादी कहते हैं, जैसे आप उन सभी को कहते हैं जो आपके साथ नहीं हैं। लेकिन, सबसे बड़े आतंकवादी वे हैं जो इन सीटों पर बैठे हैं।’ सिख के इस बयान के बाद संसद में माहौल गर्म हो गया और हंगामा शुरू हो गया।
मुख्य विपक्षी दल ण्प्झ् के नेता ओज़गुर ओज़ल ने इसे शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा, ‘सांसदों ने दूसरे सांसदों पर, यहां तक कि महिलाओं पर भी हमला किया। यह अस्वीकार्य है।’ प्रोकुर्दिश AKP पार्टी की प्रमुख गुलिस्तन कोस्यगित, जो खुद भी मारपीट की शिकार हुईं, ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, ‘यह साफ था कि वे पहले से ही पूरी तैयारी के साथ आए थे। वे हमारे भाषण और हमारी आवाज को दबाने के लिए दबाव, हिंसा और बल का उपयोग कर रहे हैं।’ इस पूरे घटनाक्रम के बाद ऊघ्झ् ने कन अटालाय की रिहाई की मांग भी की।