- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कमाल
- ब्राजील में वैज्ञानिक कर रहे हैं रिसर्च
सामना संवाददाता / मुंबई
सोशल मीडिया आज हर व्यक्ति की जरूरत बन चुका है। लोग घंटों यहां समय बिताते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया आनेवाले दिनों में आपकी मानसिक अवस्था भी बता देगा। दरअसल, हर दिन विज्ञान में कोई-न-कोई नया खोज होता रहता है। तकनीक के मिश्रण से यह काम और आसान हो गया है। वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ट्विटर का उपयोग करके घबराहट और डिप्रेशन की भविष्यवाणी करनेवाले मॉडल बनाने पर काम कर रहे हैं। यह मॉडल क्लिनिकली डियग्नोस होने से पहले ही इसके बारे में जानकारी दे देगा।
मिली जानकारी के अनुसार, ब्राजील में साओ पाउलो विश्वविद्यालय (यूएसपी) के रिसर्चर्स की टीम का कहना है कि मॉडल के उपयोग से केवल अपने सोशल मीडिया फ्रेंड्स और फॉलोवर्स की मनोस्थिति (डिप्रेशन) की संभावना का पता लगाया जा सकता है। यह निष्कर्ष जर्नल लैंग्वेज रिसोर्सेज एंड इवैल्यूएशन में प्रकाशित हुए हैं। इस स्टडी के पहले फेज में ४७ मिलियन सार्वजनिक रूप से पोस्ट किए गए पुर्तगाली टेक्स्ट और ३,९०० ट्विटर यूजर्स के बीच कनेक्शन के नेटवर्क से ये जानकारी हासिल की गई। ये सारे ट्वीट कोविड महामारी के दौरान इकट्ठे किए गए थे।
डिप्रेस्ड लोग इन शब्दों का करते हैं इस्तेमाल
दूसरे फेज पर अभी कार्य चल रहा है। हालांकि, इसके प्रारंभिक परिणाम सामने आने लगे हैं। ये मॉडल एक न्यूरल नेटवर्क से मेल खाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि मॉडलों में बीईआरटी ने अवसाद और चिंता की भविष्यवाणी करने के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि क्योंकि मॉडल ने वर्ड्स और सेंटेंस के सीक्वेंस का विश्लेषण किया है, इसलिए यह पता लगाना संभव था। रिसर्च में पता चला है कि अवसाद वाले लोग स्वयं से जुड़े विषयों के बारे में लिखते हैं। वह अपने वाक्यों में मृत्यु, संकट और मनोविज्ञान की बात करते हैं। इसी के आधार पर यह मॉडल पता लगता है कि कौन डिप्रेस्ड है और कौन नहीं।