सामना संवाददाता / लखनऊ
उत्तर प्रदेश में इस समय दो अधिकारी आमने सामने आ गए हैं। ये दो अधिकारी हैं फिरोजाबाद जिले की एसडीएम कृति राज और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) रामबदन राम। इन दोनों अधिकारीयों के बीच ठन गई है। दरअसल मामले की शुरुआत उस समय हुई जब जिला अस्पताल में घूंघट डालकर जायजा लेने पहुंची एसडीएम कृति राज ने वहां तमाम खामियों को उजागर किया था। एसडीएम कृति राज के इस औचक निरीक्षण की चर्चा पूरे प्रदेश में हुई थी। हालांकि अब सीएमओ रामबदन राम ने एसडीएम कृति राज द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। बता दें कि फिरोजाबाद के स्वास्थ्य महकमे से गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और खराब व्यवहार की शिकायतें सामने आ रही थीं। इसी क्रम में एसडीएम (सदर) कृति राज के पास शिकायत आई कि दीदमई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुत्ते के काटने के इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं। इसकी जांच करने जब वह मौके पर पहुंची तो उन्होंने गाड़ी से उतरते ही दुपट्टे से घूंघट कर लिया। अधिकारी ने साधारण मरीज की तरह पर्चा बनवाया और व्यवस्था का जायजा लिया। कृति राज के मुताबिक, इस दौरान उन्हें अस्पताल में बहुत सारी दवाएं एक्सपायरी डेट की मिलीं। यही नहीं स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और कर्मचारियों का मरीज के प्रति रवैया भी खराब मिला। फिरोजाबाद सीएमओ रामबदन राम का कहना है कि अस्पताल में कोई एक्सपायरी डेट की दवाई नहीं थी। एक या दो दवाइयां जो थी वह डिब्बे में रखी गई थी और उनकी भी एक्सपायरी अप्रैल में होनी थीrr। सीएमओ का यह भी कहना है कि वे अस्पताल में खुद इंस्पेक्शन के लिए गए थे। अस्पताल में कुत्ते के काटने के इंजेक्शन सुबह ८ बजे से लगातार मरीजों को लगाए जा रहे थे।