उमेश गुप्ता / वाराणसी
वाराणसी जिले के जंसा थाना क्षेत्र के रामेश्वर स्थित वरुणा नदी में बुधवार को डूबे दोनों किशोरों के शव को एनडीआरएफ की टीम ने ऑपरेशन सर्च के दौरान गुरुवार को पानी से बाहर निकाला। किशोरों का शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बाद में पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आपको बता दें कि जंसा थाना क्षेत्र के रामेश्वर पुलिस चौकी क्षेत्र के भतसार गांव में दो दिन पहले बुधवार को जयप्रकाश सिंह उर्फ लवकुश के यहां दो दिन पहले रामायण पाठ हुआ था। बुधवार को 11 बजे जयप्रकाश सिंह के बड़े बेटे आयुष सिंह (17) और भांजे कार्तिकेय पूजा के माला-फूल आदि वरुणा नदी में विसर्जित के लिए बाइक से पहुंचे थे। कार्तिकेय राजातालाब थाना क्षेत्र के भिखारीपुर निवासी अभिषेक राय का पुत्र था। दोनों माला-फूल डालने के बाद कपड़े उतार कर नहाने लगे। उन्हें गहराई का पता नहीं था और तैरने भी ठीक से नहीं आता था। अचानक दोनों गहरे पानी में डूब गए। देर शाम तक दोनों जब घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजना शुरू किया। पुलिस को सूचना दी। उनके मोबाइल पर लगातार घंटी बज रही थी, लेकिन कोई उठा नहीं रहा था। परिजन काफी परेशान थे। कुछ देर के बाद पुलिस लोकेशन के आधार पर वरुणा नदी के किनारे पहुंची। दोनों के कपड़े और कुछ दूर पर बाइक मिली। ग्रामीणों के अनुसार, घटनास्थल पर नदी काफी गहरी है। स्थानीय लोगों ने दोनों की तलाश का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
गुरुवार की सुबह एनडीआरएफ के डीआईजी मनोज कुमार के निर्देश पर इंस्पेक्टर संजीव कुमार गुप्ता के नेतृत्व में टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने एक घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों का शव वरुणा से बाहर निकाला। पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक आयुष दो भाई व दो बहन में बड़ा था। पिता जयप्रकाश उर्फ लवकुश ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर हैं। मां शिल्पी सिंह का रो-रोकर बुरा था। वहीं भांजा कार्तिकेय अपने मां-बाप का एकलौता पुत्र था। पिता अभिषेक राय निजी कंपनी में अकाउंटेंट हैं। मां पिंकी सिंह की हालत बदहवासों जैसी है। कार्तिकेय पब्लिक स्कूल के दसवीं और आयुष कक्षा 11 का छात्र था।