सामना संवाददाता / मुंबई
दो साल तक जो महाविकास आघाड़ी के मंत्रिमंडल में रहे, उन्होंने ही शिवसेना को तोड़ने और गद्दारी का काम किया। वर्तमान सरकार के दो साल खोके, फीसदी और महाराष्ट्र को गर्त में ले जाने का काम किया है। इस तरह का तंज विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कसा है।
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि लाडली बहना योजना की घोषणा की गई, लेकिन नियमों और शर्तों के कारण कुछ चुनिंदा महिलाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा। किसानों के लिए घोषणाएं की गईं, लेकिन १५ हजार करोड़ रुपए किसानों को देना बाकी है। राज्य में २५ हजार करोड़ रुपए के घाटे का बजट होते हुए भी घोषणाओं का क्रियान्वयन वैâसे होगा, यह सवाल है। महाराष्ट्र में अन्य राज्यों की तुलना में बिजली दरें अधिक हैं। ग्रामीण इलाकों में २ से ४ घंटे तक बिजली नहीं मिलती है।
दिखावा साबित होगा मुफ्त बिजली की घोषणा
दानवे ने कहा कि राज्य में बिजली की कमी है। बिजली नहीं मिल रही है। ऐसे में मुफ्त बिजली का क्या फायदा होगा, यह आनेवाला समय बताएगा। किसानों को मुफ्त बिजली की घोषणा एक दिखावा साबित होने की संभावना है। अंबादास दानवे ने कहा कि सरकार के पास मौजूद बिजली और किसान को जितनी बिजली की जरूरत है, उसका अनुपात निकाला जाए तो किसान को बिजली मिलना मुश्किल है।
फसल बीमा कंपनियों की बढ़ी दादागीरी
सरकार ने एक रुपया में फसल बीमा देने की घोषणा की। किसानों के हिस्से का भुगतान सरकार द्वारा किया गया, लेकिन फसल बीमा कंपनियों की दादागीरी बढ़ गई है। महाज्योति, सारथी, बारटी योजना सरकार द्वारा उपेक्षित है। छात्रों को रियायतें नहीं मिलतीं। दानवे ने यह भी कहा कि दूध पाउडर आयात करने का फैसला किसानों के खिलाफ है।