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त्यागी ने त्यागा पद, नीतीश की जमीन हिली! पार्टी के सबसे कद्दावर नेता का प्रवक्ता पद से इस्तीफा, सीएम बाबू की ‘भाजपाई खिचड़ी’ से बताए जा रहे थे नाराज

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जोर का झटका धीरे से लगा है। केसी त्यागी ने जेडीयू के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता है कि बीजेपी से नाराजगी के कारण त्यागी ने जेडीयू प्रवक्ता पद को त्यागा है।
केसी त्यागी के इस्तीफा देने के मुद्दे पर जनता दल (यूनाइटेड) के सूत्रों के अनुसार, वह कई मुद्दों पर अपनी अलग लाइन ले रहे थे, जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पैâसले के बाद एससी-एसटी आरक्षण का मुद्दा, फिर इजरायल-फिलिस्तीन का मुद्दा शामिल है, जहां उन्होंने भारत ब्लॉक के अधिकांश नेताओं के साथ हस्ताक्षर किए थे इसलिए पार्टी ने आपसी अलगाव के लिए कदम उठाया इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनके स्थान पर एक नया राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। पार्टी यह भी महसूस करती है कि मीडिया में जाने से पहले महत्वपूर्ण मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से परामर्श करना बंद कर दिया गया है, क्योंकि इससे उनके लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है और सहयोगी दलों के साथ अनावश्यक टकराव पैदा हो रहा है।
ऐसा भी माना जा रहा है कि दिल्ली में बैठकर हर मुद्दे पर टिप्पणी करना भी केसी त्यागी को भारी पड़ गया। क्योंकि वे हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखते थे और पटना में बैठी जेडीयू की लीडरशिप इसे बर्दाश्त न कर सकी। उनके बयानों से ऐसा लग रहा था कि जेडीयू और एनडीए की राय अलग-अलग है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी ने एनडीए में मतभेदों की खबरों को दबाने के लिए अपने सहयोगी दलों से समन्वय बनाए रखने को कहा था। इसी को लेकर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और संजय झा ने उनसे मुलाकात की थी और उनसे राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद छोड़ने के लिए कहा था। हालांकि, पार्टी की ओर से जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें कहा गया है कि उन्होने निजी वजह से जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दिया है। केसी त्यागी जेडीयू के विशेष सलाहकार भी हैं, लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया है या नहीं। इसको लेकर अभी क्लीयर नहीं हुआ है। केसी त्यागी ने विदेश नीति पर इंडिया गठबंधन के नेताओं के सुर में सुर मिलाया। इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ साझा बयान पर उन्होंने हस्ताक्षर किए। इस बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार इजरायल को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति पर रोक लगाए। साझा बयान में कहा गया था कि इजरायल द्वारा जारी यह क्रूर हमला न केवल मानवता का अपमान है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय और शांति के सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है। जेडीयू के सीनियर नेता रहे केसी त्यागी ने यूपीएससी में लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भी पार्टी के सीनियर नेताओं से बिना बात किए बयान दिया था।

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