मुख्यपृष्ठस्तंभउडन छू : बछड़ा प्रेम और हरियाणा

उडन छू : बछड़ा प्रेम और हरियाणा

अजय भट्टाचार्य

पिछले दिनों जब हमारे दिव्य पुरुष की गाय के बछड़े के साथ चूमा-चाटी करते प्यार जतानेवाली तस्वीर वायरल हुई थी, तभी मुझे ख्याल आया कि बछड़े (या बछिया) के साथ दिव्य पुरुष के फोटो से हरियाणा विधानसभा चुनाव का कोई संबंध हो सकता है क्या? हरियाणा के भिवानी, रोहतक और झज्जर जिलों के ८० गांवों में कृत्रिम गर्भाधान कराया जाता है। इस कार्यक्रम के जरिए उच्च कोटि की गायों के बछड़ों को सरकार खरीदती है और उनका पालन-पोषण करती है। हरियाणा में करीब ३६ लाख दुधारू पशु हैं, जिनमें १९.०८ लाख गाय हैं। हरियाणा में सालाना कुल ११७.३४ लाख टन दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का ५.५६ प्रतिशत है। प्रति व्यक्ति औसतन १,१४२ ग्राम दूध का उत्पादन करनेवाले हरियाणा में सालाना कुल ११७.३४ लाख टन दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का ५.५६ प्रतिशत है। हरियाणा में पशुपालन बड़े पैमाने पर होता है और यहां प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन में देश में पहला स्थान है। पिछले विधानसभा चुनावों में इन्हीं तीन जिलों में भाजपा पिछड़ी थी और इस बार तो रोहतक लोकसभा सीट भी हार के बाद भाजपा के हाथ से निकल गई। लिहाजा, बछड़े के प्रति उमड़े प्रेम को समझा जा सकता है।
वैसे भी गाय एक बहुत सीधा जानवर है, इसलिए इसे लोगों ने चुनावी पशु बना रखा है। गाय हमारी बड़ी अम्मा हैं। गाय के बच्चे सब हमारे भाई-बहन हैं। सब सांड-बैल हमारे पिता समान हैं और हमें इनका उतना ही सम्मान करना चाहिए, जितना हम अपने माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों का करते हैं। इसलिए सभी लोगों को गाय को अंतरराष्ट्रीय पशु बनाने में व्यापक पहल करनी चाहिए। इस महान कार्य में सभी देशवासियों को अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए, क्योंकि गाय अगर अंतरराष्ट्रीय पशु बन गई तो यह भारत की बहुत बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि कही जाएगी और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए, जो भी गाय को काटता-छांटता, खाल उतारता मिल जाए बस उसको धुन देना चाहिए, धो देना चाहिए। कुछ दल इस दैवीय काम में लगे हुए हैं, तमाम दलितों-मुस्लिमों को, गौरक्षा न करने पर द्वंद्वात्मक सबक सिखा रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब हमारी गौ माताओं की पूरे विश्व में आरती उतारी जाएगी, पूजा की जाएगी, वंदना की जाएगी, साधना की जाएगी। दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में गौ शोध संस्थान के विभाग बनाए जाएंगे। तब हम देशवासियों की खूब चौड़ी-चौड़ी छातियां हो जाएंगी, इसलिए सभी भाइयों-बहनों को इस पुनीत कार्य में तन-मन-धन से पूरा सहयोग करना चाहिए, जिससे हम अपने देश का नाम पूरे विश्व में पैâला सकें।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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