अजय भट्टाचार्य
एक लड़की रुद्राक्ष सहित कई तरह की मालाएं लेकर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में इसलिए पहुंची थी कि मालाएं बेचकर कुछ कमा-धमा लेगी। वह बेचना चाहती थी बस माला और माला के मनके! उसे मालूम था कि मेले में अलग-अलग मन के लोग आए हैं और इन्हें ही खरीदने हैं मेरी माला के मनके। मगर वह भूल गई कि यह भीड़ आस्था में भी अपने मनोरंजन की, अपनी अंतर्भावनाओं की पूर्ति की व्यवस्था उसमें तलाश लेगी। एक ने अपने मोबाइल के वैâमरे से उस लड़की का फोटो खींचा तो दूसरे ने वीडियो बना लिया। जैसे भेड़िया भेड़ों के झुंड में अपना शिकार तलाश लेता है, वैसे ही शोहदे किसी भी भीड़ में अपनी दबी हुई भावनाओं को शांत करने के लिए कोई लड़की, युवती, महिला खोज ही लेते हैं। रुद्राक्ष की माला बेचनेवाली इस लड़की के साथ भी यही हुआ। ‘ब्राउन ब्यूटी’ के नाम से मशहूर इस लड़की को महाकुंभ में माला बेचते हुए देखा गया। किसी ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। जिन्हें वह ध्यान के लिए माला / मनके देना, बेचना चाहती थी, ताकि उनका इहलोक-परलोक सुधर जाए उन्हें तो बस किसी भी बहाने से उसे निहारना था। जपमाला के मनकों पर लड़की के नयनों के मनके भारी पड़े। कोई बस उसकी तस्वीर लेना चाहता तो कोई उससे अपने दिल की बातें कहना चाहता है/था, पर जो वह बेच रही है उसके खरीददार कम हैं। लगता है मेले में इज्जतदार कम हैं तो लड़की की खूबसूरती पर पहले एक उचक्के की नजर पड़ी। ऐसे लोग जो कुंभ विज्ञापनों से प्रभावित होकर कुंभ में मौज करने आए उन्हें व कल्पित अमृत उस लड़की की आंखों में दिखने लगा। कुछ को उसके होठों में तो कुछ को उसके बालों की लट में कालिदास के मेघदूत और दांतों में मोती नजर आए तो एक वैâमरे में वैâद हुई लड़की की फोटो में सबसे पहले वह घुसा जिसने उसकी पहली तस्वीर/वीडियो बनाकर वायरल किया। उसके बाद इस वीडियो पर १५ मिलियन मतलब डेढ़ करोड़ से ज्यादा व्यूज यानी दर्शक मिले। फिर क्या था वीडियो वायरल होते ही ऐसे लोगों की कमी नहीं थी, जो खोजन के लिए कुंभ पहुंचने लगे। मोनालिसा को खोजने के लिए कुंभ पहुंचने लगे। शांति और मानव जीवन के उत्थान की खोज मोनालिसा पर आकर ठहरने लगी। मुझे तो ऐसा लगा कि पहले तो मोनालिसा की आंखों में उसने डुबकी मारी जिसने उसकी पहली तस्वीर खींची। फिर वायरल होने पर डेढ़ करोड़ लोग अपने-अपने हाथों में मोबाइल लिए मोनालिसा की आखों में डुबकी लगा गए। फिर उसकी खोज में कुंभ पहुंचे कल्पवासी उस लड़की की आंखों में डूबने के लिए सज्ज हुए। अगला शाही स्नान तीन फरवरी को है और अंतिम २६ फरवरी मतलब महाशिवरात्रि को। आप देखते जाइए, धीरे-धीरे उसकी आंखों में पूरा सोशल मीडिया कुंभ नहाता नजर आएगा। सवाल यह है की मोनालिसा को इससे क्या मिला? खबर है कि इस सबसे तंग आकर मोनालिसा कुंभ छोड़कर झूसी इलाके में अपने परिवार के पास आ गई। मोनालिसा का परिवार यहां पर एक बनी झुग्गी-झोपड़ी में रहता है। जानकारी के मुताबिक, पिता ने मोनालिसा को घर वापस भेजा है, जबकि दो बहनें अभी भी कुंभ में माला बेच रही हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)