सामना संवाददाता / मुंबई
बद्रीनाथ ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कल ‘मातोश्री’ निवास स्थान पर आगमन हुआ। इस दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने शंकराचार्य का सपरिवार आशीर्वाद लिया। इस मुलाकात के बाद शंकराचार्य ने मीडिया से संवाद साधा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात हुआ, उसे लेकर हमारे मन में बहुत ज्यादा दुख है। उद्धव ठाकरे एक बार फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हों, इस तरह की भावना शंकाराचार्य ने इस दौरान व्यक्त की। महाराष्ट्र की सरकार गिराई, यह जनता का अनादर है। उद्धव ठाकरे को दगा देनेवाले हिंदू हो ही नहीं सकते हैं, यह कहते हुए शंकराचार्य ने भारतीय जनता पार्टी को जोरदार तरीके से ‘चमाट’ लगाई।
मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि गुरूजन जब घर आते हैं तो उनकी पादुकाओं का पूजन किया जाता है। इस तरह की हिंदू धर्म में परंपरा है। इसी का पालन उद्धव ठाकरे ने सपरिवार और विधिवत किया। उन्होंने कहा कि हम सनातन हिंदू धर्म का पालन करनेवाले लोग हैं। हिंदू धर्म में पाप और पुण्य की अवधारणा रखी गई है। किसी तरह का भी घात करना पाप है और हिंदू धर्म में विश्वासघात सबसे बड़ा घात माना जाता है। उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है।
‘मातोश्री’ पर शंकराचार्य की पादुकाओं का हुआ पूजन … उद्धव ठाकरे ने सपरिवार लिया आशीर्वाद
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वारानंद सरस्वती कल ‘मातोश्री’ निवास स्थान पर पहुंचे। इस दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने सपरिवार शंकराचार्य की पादुकाओं का विधिवत पूजन करके उनका आशीर्वाद लिया। इस मौके पर शंकराचार्य ने हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की यादों पर रोशनी डालते हुए उद्धव ठाकरे और पूरे परिवार के सिर पर हाथ रखते हुए मंत्रोच्चार के साथ शुभ आशीर्वाद दिया।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का अपने शिष्यों के साथ कल सुबह ‘मातोश्री’ निवास स्थान पर आगमन हुआ। उद्धव ठाकरे ने उनका वंदन करते हुए ‘मातोश्री’ में स्वागत किया। इस अवसर पर शंकराचार्य की पादुकाओं का पूजन किया गया। इस अवसर पर उद्धव ठाकरे के साथ सौ. रश्मि ठाकरे, शिवसेना नेता-युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे भी उपस्थित थे। शंकराचार्य के आगमन के मौके पर कल ‘मातोश्री’ में मंगलमय माहौल था। शंकराचार्य की पादुकाओं की उद्धव ठाकारे ने सपरिवार पूजा की। इस मौके पर शंकराचार्य के शिष्यों ने वेद मंत्रों का उच्चारण किया। पादुका पूजन के बाद शंकराचार्य ने ठाकरे परिवार को दीर्घायु भव: तथा विजयी भव: के आशीर्वाद के साथ ही प्रसाद भी दिया। इस अवसर पर शंकराचार्य की ओर से उद्धव ठाकरे को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत, अनिल देसाई, शिवसेना नेता व विधायक एड. अनिल परब, शिवसेना सचिव आदेश बांदेकर तथा विधायक मिलिंद नार्वेकर उपस्थित थे।
जब तक उद्धव ठाकरे फिर से सीएम नहीं बनते
हमारे मन का दुख दूर नहीं होगा!-शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कल ‘मातोश्री’ में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के आग्रह पर हम ‘मातोश्री’ आए। संवेदना व्यक्त की। हमने उद्धव ठाकरे से कहा कि जब तक आप फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठते, तब तक हमारे मन का दुख दूर नहीं होगा। शंकराचार्य ने बताया कि इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपके आशीर्वाद से कार्य करता रहूंगा। ‘हमारा हिंदुत्व असली है, इस तरह का दावा भारतीय जनता पार्टी के नेता करते रहते हैं।’ इस तरह का सवाल पत्रकारों ने शंकराचार्य से किया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किसका हिंदुत्व असली है और किसका नकली, यह जानना पड़ेगा। विश्वासघात करनेवाले हिंदू हो ही नहीं सकते हैं, बल्कि जो विश्वासघात सहता है वो ही हिंदू होगा, क्योंकि उसके साथ विश्वासघात हुआ रहता है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ हुए विश्वासघात का दुख महाराष्ट्र की जनता के मन में है। लोकसभा चुनाव में वह साबित भी हुआ है। पूरी जनता यह मानती है कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। विश्वासघात करनेवालों का जनता ने अनादर किया। शंकराचार्य ने कहा कि बीच में ही सरकार को गिराना और जनमत का अनादर करना उचित नहीं।
नरेंद्र मोदी हमारे शत्रु नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की। इस पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि जो हमारे पास आता है, उसे मैं आशीर्वाद देता हूं। नरेंद्र मोदी हमारे शत्रू नहीं हैं और उनकी तरफ से यदि कोई गलती होती है तो हम उनसे पूछते हैं। उन्होंने कहा कि पाप-पुण्य पर धर्माचार्य ही बोल सकता है। दिल्ली में बन रहे प्रतीकात्मक केदारनाथ पर शंकराचार्य ने कहा कि प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने सवाल किया कि केदारनाथ से २२८ किलो सोना गायब हुआ। उसके लिए जिम्मेदार कौन है? उस पर मीडिया क्यों नहीं बोल रही है? उन्होंने पूछा कि क्या अब फिर से दूसरा घोटाला करने के लिए दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाया जा रहा है।