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उद्धव ठाकरे का विदर्भ में जोरदार धमाका, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहते हो तो फिर तोड़फोड़ की नौबत क्यों आती है?

सामना संवाददाता / अमरावती-नागपुर
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे इन दिनों विदर्भ के दो दिवसीय दोरे पर हैं। इस दौरान कल उन्होंने पीएम मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी की जमकर खबर ली। पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अपनी पार्टी को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताते हो और दावा करते हो कि हमारे पास दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता व शक्तिशाली प्रधानमंत्री है। इसके बावजूद आप पर अन्य पार्टियों को तोड़ने की नौबत क्यों आ रही है? ऐसा तीखा सवाल पूछते हुए पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोला। पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा कि अब चर्चा चाय पर नहीं, बल्कि गुमटी (टपरी) पर होनी चाहिए। हकीकत लोगों के सामने आनी चाहिए। इन्हें बेनकाब करना चाहिए, ऐसी अपील उद्धव ठाकरे ने की।
उद्धव ठाकरे के तूफानी विदर्भ दौरे से एक उत्साह का निर्माण हुआ है। यवतमाल और वाशिम में शिवसैनिकों से चर्चा के बाद सोमवार को उन्होंने अमरावती, अकोला और नागपुर जिलों में शिवसैनिकों से बातचीत की। अमरावती और नागपुर में जोरदार सभाएं हुर्इं। दोनों ही जगहों पर सभागृह खचाखच भरे रहे। इस भीड़ के समक्ष उद्धव ठाकरे की तोप जमकर गरजी। उद्धव ठाकरे की इस सभा को देखकर भाजपा और घातियों के होश उड़ गए हैं।

‘शिवसेना’ नाम मेरे पास ही रहेगा
‘शिवसेना’ नाम मेरे पिता, मेरे दादाजी ने दिया था। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना नाम मेरे पास ही रहेगा और मैं अपनी पार्टी का नाम किसी और के पास नहीं जाने दूंगा। चुनाव आयोग के पास मेरी पार्टी का नाम किसी अन्य को देने का बिल्कुल भी अधिकार नहीं है। हम चुनाव आयोग के अधिकार को इस हद तक समझ सकते हैं कि चुनाव में पार्टी चिह्न और पार्टी के नाम पर कोई गड़बड़ी न हो, लेकिन उन्हें पार्टी के नाम को नहीं छूना चाहिए। हम कल आयोग का नाम बदल देंगे। क्या यह आयोग को स्वीकार्य होगा। इस तरह का सवाल उद्धव ठाकरे ने किया।

व्याकुल हूं मैं… छटपटा रहा हूं मैं… कब होगा मंत्रिमंडल विस्तार? घाती गुट में खलबली
एक साल पहले शिवसेना से गद्दारी करके भाजपा के साथ हाथ मिलनेवाले घाती गुट में खलबली मच गई है। भाजपा ने उन्हें मंत्री पद का लालच देकर शिवसेना से फोड़ा, लेकिन अभी भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा है। शपथ ग्रहण के लिए सिलवाया गया नया कोट धूल खा रहा है। उसी में ही अजीत पवार गुट सरकार में आकर मिल गया है। ऐसे में अब विस्तार होगा कि नहीं, मंत्री बनेंगे या नहीं, इस असमंजस में घाती गुट के विधायक पूरी तरह से पागल हो गए हैं। अस्वस्थ हूं मैं…अशांत हूं मैं…बेचैन हूं मैं… कब होगा मंत्रिमंडल विस्तार? ऐसी उनकी एकाकी अवस्था हो गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार की तरफ घाती गुट के विधायक नजर लगाए बैठे हैं। लेकिन कुछ दिन पहले अजीत पवार की एंट्री हुई और उन्हें लगा कि उनके सपने पर पानी फिर गया, क्योंकि अजीत पवार गुट के नौ लोगों ने पदार्पण के साथ ही शपथ ले ली। इसलिए घाती गुट काफी परेशानियों में पड़ गया है। घाती विधायक अब खुलेआम अपनी नाराजगी का इजहार कर रहे हैं। घाती गुट के अन्य विधायक भरत गोगावले और संजय शिरसाट में मंत्री पद की लालसा कभी भी छिपी नहीं रही। मौजूदा समय में दोनों ही अत्यधिक नाराज हैं। कल उन्होंने पत्रकार परिषद में मीडिया के सवालों का जवाब देते समय अपनी भावनाओं का खुलासा किया।

अब कुर्बानी के लिए कुछ नहीं बचा
अजीत पवार के लिए आप कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं क्या? इस सवाल का जवाब देते हुए गोगावले ने अपनी व्यथा जाहिर की। अब तक बहुत कुछ दिया। अब कुर्बानी के लिए भी कुछ बचा नहीं है, ऐसा उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द विस्तार की घोषणा नहीं की गई तो ठोस भूमिका अपनानी पड़ेगी।

आप मुख्यमंत्री से विस्तार के बारे में पूछिए
शिरसाट ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई है और उम्मीद है कि दो दिनों में इसका विस्तार हो जाएगा। साथ ही उन्होंने मीडिया से भी अनुरोध करते हुए कहा कि आप मुख्यमंत्री से ही पूछिए। अजीत पवार को वित्त विभाग मिलेगा, मीडिया के इस सवाल पर शिरसाट सचमुच परेशान हो गए। मीडियावाले ही विभाग बंटवारा कर हमें मुसीबत में डालते हैं, ऐसा उन्होंने कहा।

…लेकिन मंत्री पद चाहिए
मंत्री पद के लिए हम समझ गए, लेकिन पालक मंत्री पद के लिए समझौता करने का कोई सवाल ही नहीं उठता और हम मानेंगे भी नहीं, ऐसी चेतावनी देते हुए रायगढ़ का पालक मंत्री पद हमें मिलना ही चाहिए ऐसा गोगावले ने कहा। इस तरह का वचन भी शिंदे-फडणवीस की ओर से दिए जाने का दावा उन्होंने किया है।

असंवैधानिक मुख्यमंत्री के चलते देश का नुकसान – आदित्य ठाकरे

असंवैधानिक मुख्यमंत्री ने वेदांता फॉक्सकॉन परियोजना को महाराष्ट्र में लाएंगे, ऐसी घोषणा की थी। उपमुख्यमंत्री ने भी कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उसके बाद ही यह परियोजना पुणे से अचानक गुजरात में क्यों ले जाई गई? यह सरकार स्पष्ट करे, ऐसी मांग शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, विधायक आदित्य ठाकरे ने की है। यह देश का नुकसान है। देश के लिए महाराष्ट्र ही विकास के रथ को आगे ले गया होता। इस मौके पर ऐसी व्यथा भी उन्होंने व्यक्त की। वेदांता फॉक्सकॉन परियोजना अब गुजरात में नहीं लगेगी, इस पर आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि खोके सरकार की अकार्यक्षमता, असंवैधानिक मुख्यमंत्री के कारण कई औद्योगिक परियोजनाएं अन्य राज्यों में गई। वेदांता फॉक्सकॉन जैसी परियोजना महाराष्ट्र से गुजरात में ले जाई गई।
मतलब महाराष्ट्र के जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया गया। आदित्य ठाकरे ने कहा कि बड़ी परियोजना गंवाने के बाद आज देश में बेरोजगार युवा विश्व स्तर पर बेहतर मौका गवां रहे हैं। वेदांता फॉक्सकॉन परियोजना महाराष्ट्र के लिए पूर्ण रूप से योग्य थी। ऐसा हमने कई बार कहा है। परंतु आखिरी मिनट में महाराष्ट्र से यह दूसरे राज्य में ले जाया

 

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