सामना संवाददाता / मुंबई
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के उत्पीड़न (रैगिंग) खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। देशभर के १८ मेडिकल कॉलेजों को रैगिंग विरोधी नियमों का उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
यह कार्रवाई ९ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के कॉलेज के खिलाफ की गई है, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, असम, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश, पांडिचेरी शामिल है। इन कॉलेजों को सात दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है, अन्यथा यूजीसी जुर्माना और सख्त कदम उठाएगी।
रैगिंग से छात्रों पर मानसिक दबाव पड़ता है, जिससे आत्महत्या करने जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं। २००९ में एंटी रैगिंग नियम लागू किए गए थे, जिनका पालन न करने पर यह कार्रवाई की गई है। यूजीसी ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को इन नियमों का पालन करने का कड़ा निर्देश दिया है।
कॉलेज को रैगिंग रोकने के लिए कदम उठाने होंगे, जैसे रैगिंग विरोधी समिति का गठन, सीसीटीवी कैमरे लगाना, कार्यशालाओं का आयोजन और छात्रों को रैगिंग के परिणामों के बारे में शिक्षित करना है। इसके अलावा छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर १८००-१८०-५५२२ भी जारी किया गया है। इस पर कोई भी छात्र रैगिंग की शिकायत कर सकता है।