पीड़ितों ने किया विरोध प्रदर्शन
अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर मनपा की हालत खस्ताहाल हो चुकी है। कंगाल हो चुकी उल्हासनगर मनपा पर करीब ४०० से अधिक सेवानिवृत्त कर्मचारियों का लाखों रुपए बकाया है। मनपा भी उनके बकाया पैसे के एवज में मामूली रकम देकर उनका आर्थिक शोषण कर रही है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर पीड़ित लोगों के समूह की ओर से मनपा मुख्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया गया और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही मनपा की तरफ से उनका बकाया पैसा नहीं चुकाया गया तो वे लोग मनपा गेट के सामने ही आमरण अनशन शुर कर देंगे।
मनपा मुख्यालय का लगा रहे चक्कर
बता दें कि उल्हासनगर मनपा से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि एक साथ मिलने की उम्मीद थी। लेकिन मनपा की तरफ से बकाया रकम न देते हुए केवल एक छोटी सी रकम दे दी जाती है, जो राष्ट्रीयकृत बैंक के ब्याज से भी कम है। अब स्थिति यह है कि सेवानिवृत लोगों को अपनी ही मेहनत के पैसे के लिए बार-बार मनपा मुख्यालय की परिक्रमा करनी पड़ रही है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने शिकायत की है कि इससे वे शारीरिक और मानसिक तनाव के शिकार हो रहे है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
सामाजिक संस्था ‘कायदाने वागा’ पिछले कई महीनों से प्रयास कर रही है। वागा एसोसिएशन के अध्यक्ष राज असरोंडकर ने राज असोड़कर ने बताया कि मनपा प्रशासन के ४०० सेवानिवृत्त कर्मचारियों का ८ से १० लाख रुपए बकाया है। लेकिन बकाया राशि के एवज में उन्हें हर महीने मात्र २,००० रुपए का ही भुगतान किया जा रहा है। इस दर से तो पीड़ितों को पूरी राशि प्राप्त करने में २० से २५ साल लग जाएंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया सौंपा जाए। यदि इस संबंध में कोई देरी होती है तो ब्याज सहित राशि मिलनी चाहिए।