-बिहार में पशुपति पारस और चिराग के बीच सीटों को लेकर ठनी
सामना संवाददाता / पटना
लोकसभा चुनाव का एलान बस कुछ ही दिनों में होने वाला है। इसको लेकर भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में १९५ उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है तो वहीं, अभी कई ऐसे राज्य बाकी हैं, जहां भाजपा अपने साथी दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाली है। कई ऐसे प्रदेश हैं, जहां बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। बिहार में एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी जारी है। बिहार में वर्तमान में सबसे ज्यादा लड़ाई चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) गुट और उनके चाचा पशुपति पारस की पार्टी लोजपा (पारस) गुट के बीच ठनी है। दोनों अपनी परंपरागत सीट हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने को लेकर अड़े हुए हैं। चाचा-भतीजे को एक साथ रखने में भाजपा के पसीने छूट रहे हैं।
पशुपति पारस ने तो साफ कर दिया है कि वे एनडीए के साथ थे और आगे भी रहेंगे, बस सीट शेयरिंग को लेकर फाइनल बातचीत होनी है। रविवार को हुई वैशाली में चिराग की रैली में यह माना जा रहा था कि चिराग पासवान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने पत्ते खोलेंगे कि वह नरेंद्र मोदी के हनुमान बनकर फिर से इस चुनाव में उनके साथ रहेंगे या फिर वे तेजस्वी के दिए गए ऑफर को स्वीकार कर महागठबंधन में अपनी एंट्री करवाएंगे, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि चिराग भी यह जानते हैं कि वर्तमान समय में एनडीए में ही रहकर उनकी पार्टी को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिक से मशहूर रहे रामविलास पासवान के पुत्र चिराग भी चुनावी हवा का रुख समझ रहे हैं। वे यह जानते हैं कि जिन सीटों को लेकर उनकी चाहत है वे सीटें एनडीए गठबंधन में उन्हें आसानी से मिल सकती है। उस सीट पर जातीय समीकरण के साथ अन्य सभी गुना गणित ठीक बैठते हैं, जिससे उनके जीतने की संभावना भी और अधिक होगी। दरअसल, चिराग एनडीए में ६ सीटों की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन चिराग को एनडीए गठबंधन में ६ सीटें तो कहीं से भी नहीं मिलने जा रही है। ४ या ५ सीटों पर बात बन सकती है क्योंकि भाजपा को ४० सीटों में ही सभी दलों को सम्मानजनक सीटें देनी है।
ये होगा सीट शेयरिंग का फार्मूला
बिहार में लोकसभा की ४० सीटें हैं। एनडीए में नीतीश के आने के बाद बदला सीटों का तालमेल बदल गया है। नीतीश के एनडीए में आने से चिराग और कुशवाहा असहज महसूस कर रहे हैं। जेडीयू और भाजपा के बीच बातचीत लगभग तय मानी जा रही है। दोनों पिछले चुनाव की तरह १७-१७ सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। १-१ सीट पर जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू उसी १७ में एडजस्ट करेगी। भाजपा अपने १७ सीट पर चुनाव लड़ेंगी। चिराग को ४ सीटों के लिए मनाया जाएगा, तो वहीं पारस को २ सीटें मिलेगी और इसी में सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह को लड़वाया जाएगा या परिवार के किसी सदस्य को यह सीट दी जाएगी और अगर, चिराग ४ सीटों पर नहीं मानते तो ५ सीटें देकर भाजपा अपने सिंबल पर चंदन सिंह की सीट एडजस्ट करेगी।