सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों हिंदुस्थान और अमेरिका के रिश्ते के काफी मजबूत होने का दावा किया जा रहा है। हिंदुस्थान अमेरिका से काफी हथियार भी खरीद रहा है। पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अच्छा दोस्त होने का दावा करनेवाला अंकल सैम (अमेरिका) हिंदुस्थान की जासूसी भी कर रहा है। हाल ही में एक अमेरिकी अखबार ने ही इसका खुलासा कर दिया है। अखबार ने हिंदुस्थानी एनएसए अजीत डोभाल और रूसी एनएसए के बीच की गोपनीय वार्ता के लीक हुए दस्तावेज को छाप दिया है।
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के साथ तनाव के बीच हिंदुस्थान एवं अमेरिका में दोस्ती बढ़-चढ़ रही है। इस बीच एक ताजा खुलासे से इस दोस्ती पर सवाल उठने लगे हैं। अमेरिकी अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अमेरिकी खुफिया दस्तावेजों के आधार पर यह रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिससे साफ जाहिर होता है कि अमेरिका दोस्त बनकर हिंदुस्थान में जासूसी की गतिविधियों में शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्थान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल २२ फरवरी को रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलय पत्रुशेव से मास्को में मुलाकात के दौरान कहा था कि हिंदुस्थान बहुपक्षीय जगहों पर रूस का समर्थन करेगा। अमेरिका के लीक हुए खुफिया दस्तावेज के आधार पर अखबार ने यह दावा किया है। इन लीक हुए दस्तावेजों में कथित रूप से डोभाल अपने रूसी समकक्ष से कहते हैं कि हिंदुस्थान यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि यूक्रेन युद्ध का मुद्दा आगामी जी-२० बैठक में न उठे। हिंदुस्थान इस समय जी-२० का अध्यक्ष है और कुछ महीने बाद ही इस वैश्विक समूह के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक नई दिल्ली में होनेवाली है। इस बैठक में बाइडन, पुतिन और जी-२० के अन्य राष्ट्राध्यक्षों के आने की उम्मीद है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहते हैं कि इस बैठक में उन्हें वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए। यूक्रेनी मंत्री ने हाल ही में हिंदुस्थान यात्रा के दौरान इसका अनुरोध भी किया था। यूक्रेन के इस अनुरोध पर अभी हिंदुस्थान ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। रिपोर्ट में डोभाल के हवाले से कहा गया है कि हिंदुस्थान, यूक्रेन मामले में अपने पहले ली गई स्थिति से पीछे नहीं हटेगा। यही नहीं, संयुक्त राष्ट्र में आए पश्चिमी देशों के प्रस्ताव को समर्थन देने के दबाव के आगे नहीं झुकेगा। यह लीक हुआ दस्तावेज अमेरिका के खुफिया दस्तावेजों का हिस्सा है। यह दस्तावेज मैसेजिंग ऐप डिस्कॉर्ड पर लीक हुआ है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी तक डोभाल की रूसी एनएसए के साथ हुई यह बातचीत कैसे पहुंची।