सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों भाजपा शासित राज्य में कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। भाजपा शासित राज्य में बदमाशों के साथ-साथ दारोगा भी खुलेआम बर्बरता दिखा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में हुई घटना ने एक बार फिर यह बात साबित कर दिखाया है कि भाजपा सरकार में हिंसा बेलगाम हो चुकी है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले का है, जहां उप सरपंच की हत्या के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई। इस की घटना की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार (प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी) को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जेल में बंद प्रशांत साहू (२७) को बुधवार को उसकी हालत बिगड़ने के बाद जिला जेल से अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कांग्रेस ने साधा निशाना
मृतक के परिवारवालों का आरोप है कि युवक को खूब टॉर्चर किया गया। उसके शरीर पर गंभीर और अंदरूनी चोट के निशान भी मिले हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा है। बुधवार रात संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस विधायक और पार्टी की जांच टीम के संयोजक दलेश्वर साहू ने सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधा और कहा, ‘प्रशांत साहू के शरीर पर चोट के निशान देखे गए हैं, जो स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि उन्हें पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पुलिस की यातना के कारण उनकी मौत हुई।’ कांग्रेस ने दावा किया है कि साहू राज्य के गृह मंत्री का करीबी है।