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पानी के नीचे परिवहन! … कोलकाता के बाद मुंबई में साकार

कोस्टल रोड की टनल बनेगी मुंबई का दूसरा आइकॉनिक पॉइंट
रामदिनेश यादव / मुंबई
विदेशों में पानी के नीचे से यातायात के लिए (अंडरवाटर) सुरंग बनाना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन भारत में यह एक रोचक रहा है। समुद्र या फिर नदी के नीचे से सुरंग बनाने का सिलसिला अब भारत में भी शुरू हो चुका है। कोलकाता के हुगली में पिछले महीने देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन चलाई गई। हुगली नदी के नीचे से पार होकर चली इस मेट्रो ने भारत के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया। हालांकि, ऐसी ही सुरंग मुंबई में भी बनाई जा रही है, जिसकी खुदाई का काम इसी महीने पूरा होने की संभावना है। मुंबई में मरीन ड्राइव से प्रियदर्शनी पार्क तक कुल २.०७ किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जो देश में सबसे पहली समुद्र के नीचे से जाने वाली सुरंग होगी। दोनों परियोजनाएं अपने-अपने मामले में विशेष हैं। कोलकाता में पानी के नीचे से गुजरने वाली पहली मेट्रो बनाई गई, तो मुंबई में समुद्र के नीचे से यातायात सुरंग बनाई जा रही है।
नदी या समुद्र के नीचे बनी सुरंग में मेट्रो चलेगी। जब इस तरह की चर्चा लोग कुछ साल पहले करते थे, तब यह सुनकर लोगों को भी आश्चर्य होता था, लेकिन आज वो दिन आ गया है जब यह बात सच साबित हो रही है। इस सपने को कोलकाता मेट्रो ने सच कर दिखाया है। जी हां, हम बात भारत में पहली बार नदी के नीचे से बनी मेट्रो लाइन की कर रहे हैं, जिसे बनाकर देश के इंजीनियरों ने बड़ा चमत्कार किया है। वही चमत्कार मुंबई मनपा के इंजीनियर भी कर रहे हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की संकल्पना और मनपा के माध्यम से प्रियदर्शिनी पार्क और वर्ली सी-लिंक के बीच १०.५८ किमी की एक कोस्टल रोड का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना से ३४ प्रतिशत र्इंधन और ७० प्रतिशत समय की बचत होगी। ऐसा अनुमान है। लिहाजा, यह प्रोजेक्ट मुंबईकरों के लिए फायदेमंद होगा। यह १२,७२१ करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा-वर्ली सी-लिंक के वर्ली छोर तक कुल १०.५८ किमी लंबी इस परियोजना के तहत २.०७ किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जो समंदर के नीचे से गुजरेगी। भारत में यह अपने आपमें पहली सुरंग होगी।
कोलकाता मेट्रो की ऐतिहासिक पहल
बता दें कि कोलकाता में पानी के नीचे से मेट्रो गुजरने का मामला दुनियाभर में दुर्लभ है। कोलकाता ने दूसरी बार इतिहास रचने का काम किया है। १९८० में भारत की पहली मेट्रो कोलकाता में ही चली थी और अब पहली नदी के नीचे से सुरंग भी कोलकाता में ही बनी है, जिससे होकर मेट्रो हुगली नदी के नीचे से गुजरेगी और कोलकाता से हावड़ा स्टेशन तक पहुंचेगी। मेट्रो के जीएम उदय कुमार रेड्डी ने बताया कि हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का मार्ग करीब ४.८ किलोमीटर लंबा है। पानी की सतह से ३२ मीटर नीचे सुरंग बनाई गई है। मेट्रो के लिए दो सुरंगें बनाई गई हैं।
कोलकाता में मेट्रो की सुरंगों की खुदाई एफकॉन्स ने अप्रैल २०१७ में शुरू की थी और उसी साल जुलाई महीने में पूरा भी किया। नदी के नीचे सुरंग की भीतरी दीवारें उच्च गुणवत्ता वाले एम ५० पर्त मजबूत कंक्रीट से बनी हैं, १०० साल तक इसकी लाइफ होगी। हुगली के नीचे सुरंग बनाने के दौरान करीब १० लाख टन मिट्टी खोदी गई। जमीन की सतह के ३३ मीटर मेट्रो स्टेशन अब तक देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है।

मुंबई कोस्टल रोड एक, फायदे अनेक
दक्षिण मुंबई में ट्रैफिक जाम की समस्या को मिटाने और मुंबईकरों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने वाली मनपा की महत्वाकांक्षी कोस्टल रोड परियोजना के काम को पूरा करने के लिए मनपा भी पूरा जोर लगा रही है। इस सड़क परियोजना से जहां करीब ७० प्रतिशत समय की बचत होगी, वहीं र्इंधन, समय और प्रदूषण में बचत होगी। १०.५८ किमी कोस्टल परियोजना के तहत दो किमी लंबी दो विशाल सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जो समंदर के नीचे से गुजरेंगी। इनमें से एक सुरंग का काम १० जनवरी २०२२ को पूरा कर लिया गया है, जबकि दूसरी सुरंग का काम ९० प्रतिशत पूरा हो चुका है और शेष १४० मीटर का काम जल्द पूरा हो जाएगा। यह अगले पंद्रह दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। यह काम `मावला’ टनल बोरिंग मशीन से किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत अरब सागर में भरनी कर १११ हेक्टेयर (२७४ एकड़) भूमि अतिरिक्त तैयार की गई है। यहां बाइक लेन, जॉगिंग ट्रैक, ओपन थिएटर, वॉकवे, जैविक संसाधन को समर्पित एक पार्क और एक तितली उद्यान होगा। मनपा के अनुसार, इस योजना में एक सेंट्रलाइज पब्लिक प्लाजा, एक ट्री एवेन्यू और बच्चों के खेलने का क्षेत्र भी शामिल है।

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