त्वचा रोग विशेषज्ञों ने जताई आपत्ति
हाईकोर्ट में दायर की जनहित याचिका
सामना संवाददाता / मुंबई
त्वचा रोग विशेषज्ञ एसोसिएशन ने कॉस्मेटिक और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मुंबई हाई कोर्ट का रुख किया है। डायनेमिक डर्मेटोलॉजिस्ट एंड हेयर ट्रांसप्लांट एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका के माध्यम से दावा किया है कि कॉस्मेटिक और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी बिना योग्यता के डेंटल चिकित्सकों द्वारा की जा रही है। साथ ही एसोसिएशन ने ६ दिसंबर, २०२२ को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी दिशानिर्देशों को भी चुनौती दी है। इन नियमों के तहत देश भर में ओरल व मैक्सिलोफेशियल सर्जनों को कॉस्मेटिक और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की अनुमति दी गई।
याचिका गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायाधीश अमित बोरकर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। उस वक्त खंडपीठ ने पूछा कि क्या सेंट्रल डेंटल कमीशन नए डेंटल कमीशन ऑफ इंडिया एक्ट के तहत अस्तित्व में है। साथ ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। इसके अलावा खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आयोग अस्तित्व में है, तो प्रतिवादी को आयोग को पक्षकार बनाने का आदेश दिया जाएगा।
सर्जरी करने में सक्षम हैं, तो इसमें क्या है गलत?
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी इन दिशानिर्देशों का समर्थन किया है। साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक संवैधानिक संस्था है, जो डेंटल डॉक्टरों को कॉस्मेटिक और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की भी अनुमति देती है। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी पूछा कि अगर ये दंत चिकित्सक सर्जरी करने में सक्षम हैं, तो इसमें गलत क्या है।
मामले में प्रतिवादी बनाना जरूरी
खंडपीठ ने यह भी कहा कि वह इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करेगी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि डेंटल कमीशन ऑफ इंडिया को मामले में प्रतिवादी बनाना जरूरी है। इसलिए मामले में अगली सुनवाई १९ सितंबर को की जाएगी।