सामान संवाददाता / लखनऊ
उत्तर प्रदेश की ६९,००० शिक्षक भर्ती को लेकर हाई कोर्ट के पैâसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया और जानबूझकर मामले को लटकाने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया के ‘एक्स’ पर अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा सरकार नौकरी देनेवाली सरकार नहीं है। ६९,००० शिक्षक भर्ती मामले में यूपी की सरकार दोहरा खेल न खेले। इस दोहरी सियासत से दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को ठगने और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से ठेस पहुंचाने का काम भाजपा सरकार न करे।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
बता दें कि ६९,००० शिक्षक भर्ती विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के पैâसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हाई कोर्ट का वो पैâसला लागू नहीं होगा, जिसमें हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने ६९,००० शिक्षक भर्ती में बनाई गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर ३ महीने में नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और हाई कोर्ट में पक्षकारों को भी नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। कोर्ट ने पक्षकारों से अधिकतम सात पन्नों में लिखित दलील का संकलन देने को कहा है। पीठ ने २३ सितंबर को अगली सुनवाई तय की।
३ दिन का काम
३ महीने में
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार की भ्रष्ट प्रक्रिया का परिणाम अभ्यर्थी क्यों भुगतें। जो काम ३ दिन में हो सकता था, उसके लिए ३ महीने का इंतजार करना और ढिलाई बरतना बताता है कि भाजपा सरकार किस तरह से नई सूची को जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना व सुप्रीम कोर्ट ले जाकर शिक्षक भर्ती को फिर से लंबे समय के लिए टालना चाह रही है। सुप्रीम कोर्ट ले जाकर भर्ती लटकाने की भाजपाई चालबाजी को अभ्यर्थी समझ रहे हैं। उप्र भाजपा सरकार का ऐसा आचरण घोर निंदनीय है। भाजपा न इनकी सगी है, न उनकी।