मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन जोरदार हंगामा हुआ। सपा और रालोद के विधायक नारेबाजी करते हुए सदन की वेल में आ गए थे। महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वो हंगामा कर रहे थे। विपक्ष मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाना चाहता था। हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पहले ३० मिनट के लिए सत्र की कार्रवाई को रोका, उसके बाद दोबारा कार्रवाई आरंभ होने ही जा रही थी कि विपक्ष फिर टूट पड़ा। इसके बाद अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार सुबह ११ बजे तक के लिए कार्रवाई को स्थगित कर दिया। सत्र शुरू होने से पहले ही सपा और रालोद के विधायक गले में टमाटर-लहसुन की माला पहनकर साइकिल पर विधानसभा पहुंचे थे। सरकार के खिलाफ स्लोगन लिखी तख्तियां उनके हाथ में थीं। विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठकर सपा विधायक डीजल-पेट्रोल महंगा होने, ओबीसी, एससी-एसटी आरक्षण, महिला अपराध के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
सदन में चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तंज किया। यूपी विधानसभा में अखिलेश ने मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए सीएम योगी से कहा, `जानते हैं आपकी मजबूरी।’ अखिलेश ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बोलना चाहिए। इस पर विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने उन्हें नियमावली देखने को कहा। अखिलेश ने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची, जहां पर मणिपुर की घटना की निंदा न हुई हो। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देश में राष्ट्रपति के ऑफिस ने निंदा की है। यूरोप के तमाम देशों ने निंदा की, इंग्लैंड ने भी निंदा की। क्या हम अपेक्षा नहीं कर सकते कि नेता सदन इस पर कुछ बोलें। इस पर स्पीकर ने कहा कि जहां बोलना होगा, वो वहां बोलेंगे। अखिलेश ने कहा कि हम जानते हैं कि भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में आपकी बहुत मजबूरियां हैं। लेकिन हम एक सच्चे योगी के रूप में आपसे बोलने की अपेक्षा करते हैं।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से १६ मिनट तक मणिपुर और हरियाणा की हिंसा पर चर्चा कराए जाने की मांग विपक्षी दलों ने रखी। १७ मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरे राज्यों का मामला होने पर चर्चा नहीं किए जाने के नियम बताते हुए निधन शोक प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया। सदन की चर्चा के दौरान लगातार विपक्ष के विधायक नारेबाजी कर रहे थे। सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना समेत सत्ता और विपक्ष से जुड़े विधायक सुबह ११ बजे पहुंचे थे। स्पीकर सतीश महाना के पटल पर आते ही सदन के अंदर हंगामा शुरू हो गया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सत्र के बाद कहा कि मणिपुर हिंसा पर सत्ता पक्ष चर्चा नहीं करना चाहता है। हम निंदा प्रस्ताव लाना चाहते थे। हमारी प्राथमिकता समस्या उठाना है। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी के अखिलेश पर सांड पर ही चर्चा करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ओवैसी बड़े नेता हैं, भाजपा के इशारे पर बोलते हैं। लेकिन उनके कहे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सत्ता पक्ष मणिपुर हिंसा पर बात ही नहीं करना चाहता है। ब्रजेश पाठक बोले कि सपा का कोई एजेंडा नहीं, विपक्ष पूरी तरह से डिरेल है। उसकी कोई नीति नहीं है, एजेंडा नहीं है। हमेशा अराजकता की बातें करना, गुंडई करने वालों को पल्लवित करना हमेशा से इनकी नीति रही है। हमारी सरकार चाहती थी कि पानी कम बरसा है, कुछ जिलों में बाढ़ आई है इस पर चर्चा होनी चाहिए। महंगाई और मणिपुर पर चर्चा के सवाल पर डिप्टी सीएम बोले कि नोटिस दें, हम चर्चा के लिए तैयार हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि विपक्ष को रोग है, उन्हें भाजपा फोबिया हो गया है। जब सही होता है तो उनको गलत लगता है। ज्ञानवापी का मामला सुप्रीम कोर्ट गया और माना गया कि एएसआई सर्वे होना चाहिए। भाजपा किसी न्यायिक प्रक्रिया में अड़चन नहीं डालती है। राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हुई तो न्याय है...नहीं तो, अन्याय ही दिखता।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्र से पहले कहा कि मैं आह्वान करूंगा कि सार्थक चर्चा सदन में करनी चाहिए। सरकार हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है। उत्तर प्रदेश ने पिछले ६ सालों के दौरान विकास की एक नई ऊंचाई को छुआ है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया गया। बीमारू राज्य की श्रेणी से हम बाहर आ चुके हैं। पश्चिम के कुछ जिले बाढ़ के प्रकोप से प्रभावित हुए। पूर्वांचल के ४० जिले सूखा प्रभावित हो गए हैं। हम इसके समाधान के मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं। इस बार विधानमंडल के मानसून सत्र में योगी सरकार वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश होना था, जो कि इस साल के वित्तीय वर्ष के लिए पहला अनुपूरक बजट होगा। अनुपूरक बजट के माध्यम से यूपी सरकार अपनी कई परियोजनाओं को साकार करेगी। वहीं, बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर सरकार अनुपूरक बजट से संसाधनों का इंतजाम भी हो सकेगा।