सामना संवाददाता / मुंबई
रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) नियुक्त किया गया है। लेकिन जब यही सुरक्षा करनेवाले लोगों की जान लेने लगें तो आम यात्री किस पर भरोसा करेंगे। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल चेतन सिंह ने सोमवार सुबह जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने ऑटोमेटिक हथियार से १२ राउंड गोलियां चलार्इं, जिसमें सीनियर (एएसआई) टीकाराम मीना समेत तीन यात्रियों की मौत हो गई।
काम की तलाश में आ रहा था मुंबई
ट्रेन में आरपीएफ कॉन्स्टेबल ने जिन यात्रियों की हत्या की, उनमें से एक यात्री ‘असगर किआ’ काम की तलाश में मुंबई आ रहा था, उसने जयपुर से ट्रेन पकड़ी थी। मुंबई आने से पहले वह जयपुर में चूड़ी बेचने का काम करता था।
एमपी से लौट रहा था अब्दुल
४ मृतकों में से अब्दुल कादिर बिहार के मधुबनी जिले का रहनेवाला था। वह धार्मिक त्यौहार के लिए मध्य प्रदेश गया था। वापस आने के लिए उन्होंने भवानीमंडी से ट्रेन पकड़ी थी। मुंबई के नालासोपारा में उनकी दुकान थी। उनके परिवार और बच्चे दुबई गए हुए थे।
१२ राउंड चलाई थीं गोलियां
भारतीय रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, चेतन अभी रेलवे पुलिस की हिरासत में है। जानकारी के मुताबिक, ट्रेन की अलार्म चेन खींचने के बाद चेतन बोरीवली में उतर गया, लेकिन बाद में भायंदर पुलिस स्टेशन में उसने सरेंडर कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना सुबह करीब ५ बजे हुई, जब ट्रेन मुंबई से करीब दो घंटे दूर वैतरणा रेलवे स्टेशन पहुंच रही थी। सूत्रों ने कहा कि जवान ने अपनी राइफल से १२ राउंड गोलियां चलाई थीं और जब उन्हें राइफल के साथ पकड़ा गया तो २० में से केवल ८ गोलियां ही बरामद हुर्इं।
सपना रह गया अधूरा!
जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस पर सुबह हुई गोलीबारी में आरपीएफ के सहायक पुलिस निरीक्षक टीकाराम मीना की मौत हो गई। इस घटना से मीना के परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। टीकाराम मीना २०२५ में सेवानिवृत्त होनेवाले थे। लेकिन उससे पहले उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेकर अपने परिवार के साथ गांव में बसने की इच्छा जताई थी। लेकिन अब उनकी बेटी पूजा मीना ने अफसोस जताया कि उनके पिता का यह सपना पूरा नहीं हो सका। आरपीएफ में सहायक पुलिस निरीक्षक टीकाराम मीना मूल रूप से राजस्थान के श्यामपुर के रहने वाले हैं। एक माह पहले वह अपने गांव गए थे और बात करते हुए कहा था कि अब चार-पांच महीने बाद रिटायर होने वाला हूं। उसके बाद सभी लोग गांव में ही रहेंगे। राम की मौत की खबर सुनते ही उनके परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। मीना के परिवार में पिता रामकरण मीना, मां भूरी देवी, पत्नी बर्फी देवी, एक बेटी है। बेटे दिलकुश की शादी तय हो गई है। लड़की भी शादीशुदा है।
मृतक के भाई ने की नौकरी की मांग
जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट फायरिंग मामले के मृतकों में से एक असगर शेख के भाई अमानुल्लाह शेख ने अपने भाई के शव को लेने से इनकार कर दिया है। ‘दोपहर का सामना’ से बात करते हुए अमानुल्लाह शेख ने कहा कि हमने जेजे हॉस्पिटल पर विरोध प्रदर्शन करने का पैâसला किया है। हमारा भाई (मृतक) ही परिवार का पालन पोषण कर रहा था, इसलिए हम नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। हम विरोध प्रदर्शन के लिए जेजे अस्पताल जा रहे हैं। अमानुल्लाह मुंबई सेंट्रल में लेडीज पर्स विक्रेता के रूप में काम करता है।