मुख्यपृष्ठस्तंभउत्तर की उलटन-पलटन : पंजाब में बहनजी की `होशियारी' गई

उत्तर की उलटन-पलटन : पंजाब में बहनजी की `होशियारी’ गई

श्रीकिशोर शाही

कई लोग यही सवाल पूछ रहे हैं कि बसपा लोकसभा चुनाव क्यों लड़ रही है? ऐसी चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि बसपा कितनी सीटें जीतनेवाली है यह तो नहीं पता, पर वह वोट काटकर दूसरे उम्मीदवारों का खाना जरूर खराब करनेवाली है। अब यूपी में तो बसपा प्रमुख के उत्तराधिकारी ने ऐसा खेला कर दिया कि बहनजी को परेशान होकर उससे दूरी बनानी पड़ी। इसके साथ ही अब बहनजी को पंजाब से भी एक बुरी खबर मिली है। होशियारपुर से पार्टी के उम्मीदवार राकेश सोमन आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। सोमन चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में शामिल हुए। होशियारपुर आरक्षित सीट है। अभी यहां से केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश सांसद हैं। भाजपा ने इस बार उनकी पत्नी अनिता प्रकाश को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने यामिनी गोमर को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी की तरफ से कांग्रेस से राजकुमार चब्बेवाल को उम्मीदवार बनाया है। पंजाब में पहले अकाली दल और बसपा ने आपस में गठबंधन किया था, पर दोनों पार्टियों का गठबंधन राज्य में पहले ही टूट चुका है। अब होशियारपुर में खेला हो गया। अकाली दल और बसपा ने २०२२ में पंजाब विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन राज्य में चुनावों से पूर्व में काफी दल-बदल का दौर सामने आया है। वैसे बहनजी उम्मीदवार बदलने में माहिर हैं और यूपी की कई सीटों पर इसे देखा जा चुका है। खैर, अब देखना यह है पंजाब में बहनजी आगे क्या स्टेप लेती हैं।

४० सांसदों के लालच में बिहार बर्बाद
पीके यानी प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जनजागृति फैलाने के काम में जुटे हुए हैं। वे घूम-घूमकर नीतिश और भाजपा के मिलन की बखिया उधेड़ रहे हैं। बिहार में कुछ महीने पहले अमित शाह ने पश्चिम चंपारण के लौरिया में एक रैली की थी। इस रैली में अमित शाह ने लोगों को संबोधित करते हुए चिल्लाकर कहा था कि बिहार का एक-एक आदमी कान खोलकर सुन ले। नीतिश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं, लेकिन तमाशा देखिए वो बंद दरवाजा आसानी से खुल गया। अब इस पर पीके ने चुटकी ली है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में क्या मजाक हो रहा है? मजाक यह हो रहा है कि अमित शाह ने दरवाजा तो ठीक बंद किया पर कुंडी लगाना भूल गए, फिर पलट कर नीतिश कुमार के साथ चले गए। पीके के अनुसार, बिहार की आज ये दुर्दशा क्यों है, वो इसलिए है, क्योंकि ४० सांसदों का लालच केंद्र के नेताओं को है। बिहार की दुर्गति का कारण आज ४० सांसद बन गए हैं। ४० सांसदों के लालच में आज देश में कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की हो, ये किसी भी हद के पार जाने को तैयार हैं। अब ठंडे दिमाग से सोचा जाए तो पीके क्या गलत कह रहे हैं?

लॉलिपॉप को चाहिए दिनकर का आशीर्वाद
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की यदि कोई बात करे तो आप यही सोचेंगे कि परम ज्ञानी का सानिध्य प्राप्त हुआ है। तो फिर वो लॉलिपॉप वाले पवन सिंह के बारे में क्या खयाल है? असल में चुनाव में कूदे हैं तो छवि भी तो सुधारनी होगी। अब देखिए न, पवन सिंह पर पहले भी अश्लीलता परोसने का आरोप लगा है। पवन सिंह समाज सुधार, राष्ट्र निर्माता और समाज कल्याण से जुड़े कार्यों के लिए पॉपुलर नहीं हुए हैं। पवन सिंह को लोग कथित तौर पर एक भोजपुरी गायक और एक्टर मानते हैं, मगर पवन सिंह अब सोशल मीडिया पर राष्ट्रकवि दिनकर और महान गणितज्ञ को याद कर रहे हैं। ये पूरी कवायद छवि सुधारने की ही है। उनके पहले के एक्स पर किए गए पोस्ट को देखिए। चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद वाले पोस्ट को देखिए। बहुत अंतर आया है। जहां तक चुनाव लड़ने की बात है तो स्थानीय और बुद्धिजीवियों का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह की कोई तुलना नहीं है। हां, ये लोकतंत्र है और यहां तो जनता ने जिसे चुना वही पहलवान। चुनाव में जनता किसे चुनती है। ये बाद की बात है। बहरहाल, भीड़ तो पावर स्टार को देखने के लिए उमड़ ही रही है। अब देखना है कि दिनकर जी का आशीर्वाद अभिजात्य वर्ग को उनकी ओर आकर्षित करने में सफल होता है या नहीं।

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