मुख्यपृष्ठस्तंभउत्तर की उलटन-पलटन : लवली ने भी मारी पलटी

उत्तर की उलटन-पलटन : लवली ने भी मारी पलटी

श्रीकिशोर शाही

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा था कि वे किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। यह बात लवली ने विभिन्न टीवी चैनलों पर जा-जाकर कही थी, पर लवली भी आखिर पलटूराम निकले। प्रदेश अध्यक्ष के पद से कूदकर सीधे भाजपा का दामन थाम लिया। वैसे दिल्ली में लवली को लेकर अटकलों का बाजार शुरू से ही गर्म था। लवली कह रहे थे कि उन्होंने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है और पार्टी नहीं छोड़ी है। यही कारण है कि जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली में वे कितनी सीटें जीत रहे हैं तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि हम सभी सातों सीट पर जीत दर्ज करेंगे। अब लवली का कहना है कि आप जानते हैं कि मैंने किन परिस्थितियों में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। हमारे समर्थकों ने हमसे कहा कि आपको घर पर बैठने की जरूरत नहीं है, मैंने अपने इस्तीफे के बाद घर पर रहने का पैâसला किया था। खैर, यह सब नेतागीरी की बातें हैं और ऐसे नेताओं की बातों पर कितना भरोसा किया जाए यह इस देश की जनता अच्छी तरह से जानती है।
गिरिराज का बढ़ता गम
बिहार की बेगूसराय सीट पिछली बार कन्हैया कुमार और गिरिराज सिंह की फाइट के कारण राष्ट्रीय स्तर पर काफी हॉट हो गई थी। इस बार वैसी गर्मी नहीं दिखाई पड़ रही है। हालांकि, सुनने में आ रहा है कि इस बार भाजपा की मुश्किलें स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता बढ़ा रहे हैं। इसका कारण है कि इस बार उनका वहां जमकर विरोध हो रहा है। हालात ये हो गए हैं कि जदयू के दिग्गज नेता और ३ बार विधायक रह चुके बोगो सिंह भी महागठंधन प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार में उतर चुके हैं। गिरिराज की राह में भाजपा के ही नेता और कार्यकर्ता रोड़े अटका रहे हैं। वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों ने अलग सिरदर्द बढ़ा रखा है। महागठबंधन की तरफ से एक निर्दलीय प्रत्याशी शहनवाज हसन पर भाजपा एजेंट होने का आरोप लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है वे पहले सीपीआई में थे, फिर भाजपा में गए और अब सीपीआई नेता के खिलाफ वोट काटने के लिए चुनावी ताल ठोक दी है। अब शहनवाज हसन का रोना है कि अगर वे भाजपा के डमी उम्मीदवार होते तो उनके पास चुनाव प्रचार के लिए ढेर सारे पैसे होते।
नामांकन भरते ही पुलिस ने दबोचा
घटना नंबर-१ : झारखंडी भाषा-खतियानी संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) ने भी चुनाव मैदान में ताल ठोक दिया है। जेबीकेएसएस के अध्यक्ष जयराम महतो ने १ मई को गिरीडीह लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। जयराम महतो के नामांकन दाखिल के मौके पर एक पुराने मामले में झारखंड पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। लेकिन वे अपने कुछ समर्थकों के साथ पुलिस हिरासत से फरार हो गए। घटना नंबर-२ : जेबीकेएसएस के रांची लोकसभा सीट के प्रत्याशी देवेंद्रनाथ महतो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महतो नामांकन दाखिल करने के बाद जैसे ही कार्यालय से बाहर निकले, पहले से नजर रख रही पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया। उन्हें रांची में विधानसभा घेराव से जुड़े एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले को लेकर रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र में ४८/२२ के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में उनके अलावा कई अन्य के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। गिरफ्तारी के बाद महतो ने चीख-चीखकर कहा कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। गिरफ्तार कर उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। खतियानी, स्थानीयता और भाषा के मुद्दे को लेकर जिस तरह के आंदोलन की शुरुआत की गई है, उसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

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