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सर्वाइकल कैंसर से लड़ेगी वैक्सीन!… टीकाकरण की शुरू हुई तैयारी

– जल्द चलाया जाएगा अभियान

सामना संवाददाता / मुंबई

सर्वाइकल कैंसर से लड़ने की दिशा में एक अच्छी खबर है। देश में आने वाले दिनों में इस जानलेवा बीमारी से सीधे तौर पर वैक्सीन लड़ेगी, जिसके लिए टीकाकरण की तैयारी शुरू हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी तैयारी कर ली है, ऐसे में जल्द ही अभियान चलाया जा सकता है। टीकाकरण अभियान से इस प्रकार के कैंसर के मामले कम हो सकते हैं। बता दें कि हिंदुस्थान में महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामले पाए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल कैंसर को कंट्रोल करने के लिए टीकाकरण अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है। देश में ९ से १४ वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों के लिए ह्यूमन पेपिलोमावायरस यानी एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक, तीन वर्षों में तीन चरणों में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि यह अभियान तब शुरू होगा, जब सरकार के पास पहले चरण के लिए जरूरी वैक्सीन की ६.५-७ करोड़ खुराक का स्टॉक हो जाएगा। माना जा रहा है कि इस साल की दूसरी तिमाही से इसके शुरू होने की संभावना है।
मुफ्त में लगेगी वैक्सीन
बता दें कि दो खुराक वाली एचपीवी वैक्सीन व्यावसायिक रूप से लगभग २,००० रुपए प्रति खुराक पर उपलब्ध है, लेकिन एक बार जब सरकारी स्तर पर इसे टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा तो यह मुफ्त में उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ९ से १४ वर्ष की आयु के बीच की एक तिहाई लड़कियों को हर साल तीन वर्षों में टीका लगाया जाएगा। इन तीन वर्षों के दौरान उन राज्यों में नौ साल के होनेवाले बच्चों के नए समूहों को भी टीका लगेगा। सरकार उन राज्यों का चयन करने की प्रक्रिया में है जहां सबसे पहले अभियान चलाया जाएगा।
आठ करोड़ बच्चे होंगे पात्र
देशभर में ९ से १४ साल की उम्र के लगभग ८ करोड़ बच्चे वैक्सीन के लिए पात्र होंगे। तीन वर्षों में विभाजित होने पर पहले वर्ष में २.६ करोड़ बच्चे पात्र होंगे। इन २.६ करोड़ बच्चों के अलावा ५० लाख से १ करोड़ बच्चे उन स्थानों पर नौ साल के हो जाएंगे जहां अभियान पहले ही शुरू हो चुका है, उन्हें दूसरे और तीसरे वर्ष के दौरान टीके की खुराक की आवश्यकता होगी। टीकाकरण अभियान स्कूलों और टीकाकरण केंद्रों में चलाया जाएगा।
हर साल आते हैं सर्वाइकल कैंसर के लाखों मामले
दुनियाभर में आनेवाले सर्वाइकल कैंसर के मामलों का लगभग पांचवां हिस्सा हिंदुस्थान में है। देश में हर साल लगभग १.२५ लाख नए मामले आते हैं और लगभग ७५,००० मौतें दर्ज की जाती हैं। देश में महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है। यहां लगभग ८३ प्रतिशत आक्रामक सर्वाइकल कैंसर के मामलों का कारण एचपीवी १६ या १८ है। कुछ उच्च जोखिम वाले एचपीवी स्ट्रेन वाले संक्रमण से लगभग ८५ प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर होते हैं। कम से कम १४ एचपीवी प्रकारों की पहचान ऑनकोजेनिक यानी कैंसर पैदा करने की क्षमता के रूप में की गई है। इनमें से एचपीवी प्रकार १६ और १८, जिन्हें सबसे अधिक ऑनकोजेनिक माना जाता है, वैश्विक स्तर पर सभी गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लगभग ७० प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।

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