मुख्यपृष्ठनए समाचारवसुंधरा बगावत के मूड में! ...पीएम-सीएम पर साधा सरेमंच निशाना

वसुंधरा बगावत के मूड में! …पीएम-सीएम पर साधा सरेमंच निशाना

-बोलीं, `पीतल की लौंग मिलने पर खुद को सर्राफ समझने लगते हैं कुछ लोग
-राजे के शब्द बाणों से भाजपाई खेमों में जंग हुई तेज
सामना संवाददाता / जयपुर
एक बार फिर से राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बगावत के मूड में आ गई हैं, तभी तो उन्होंने हाल ही में पीएम नरेंद मोदी और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा पर सरेमंच निशाना साधा है। राजे सिक्किम के नवनियुक्त राज्यपाल ओम माथुर के लिए आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुई थीं। इस दौरान वे कुछ ऐसा बोल गर्इं, जिसकी वजह से उनके बयानों से सियासी हलचल तेज हो गई हैं। दरअसल, उन्होंने बिना राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का नाम लिए कहा कि कुछ लोग पीतल की लौंग मिलने पर खुद को सर्राफ समझने लगते हैं। साथ ही उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि कुछ व्यक्ति अनुभव की कमी के बावजूद जल्दी ही उच्च पदों पर पहुंच जाते हैं और खुद को सर्वोच्च मानने लगते हैं। अब उनके इन शब्द बाणों से भाजपाई खेमों में जंग तेज हो गई है।
बता दें कि पिछले साल हुए राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी और भाजपा के आलाकमानों ने भजनलाल शर्मा को सीएम बनाया था, तभी से वसुंधरा राजे पार्टी और पार्टी वरिष्ठों से नाराज बताई जा रही हैं। ऐसे में एक बार फिर उनके इन बयानों से चर्चा तेज हो गई है कि वे दोबारा भाजपा की राहों में रोड़ा ला सकती हैं। गौर करनेवाली बात यह है कि वसुंधरा राजे ने अपनी टिप्पणी को अपने आधिकारिक `एक्स’ हैंडल पर साझा किया, जिससे उनके बगावत वाले मूड की अटकलों को और बल मिल गया। उनके इस बयान की चर्चा व्यापक स्तर पर हो रही है। कार्यक्रम में राजे ने ओम माथुर की जमकर तारीफ की और कहा कि राजनीति में माथुर जी ने कई ऊंचे मुकाम हासिल किए हैं।
राजे के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल
राजस्थान की पूर्व सीएम वुसंधरा राजे की इन बयानों ने सियासी हलचल बढ़ा दी हैं। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में राजे ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि उनकी टिप्पणी पीएम मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर लक्षित थी। राजे ने उच्च आकांक्षाओं को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और विनम्र बने रहने का सुझाव दिया। राजे ने आगे कहा कि माथुर से लोगों को सीख लेनी चाहिए कि जीवन में ऊंचे लक्ष्य रखने चाहिए, लेकिन जमीन से जुड़े रहना भी जरूरी है।

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