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सब्जियां हुईं महंगी! …कीमतों से बिगड़ेगा बजट

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर 
आम जनता पर महंगाई की मार पड़ सकती है क्योंकि आलू, प्याज, टमाटर जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। जिससे लोगों का बजट बिगड़ सकता है। कुछ हफ्तों में इन प्रमुख सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है, जिसका असर खाद्य महंगाई दर पर दिख सकता है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए जनवरी के डाटा के अनुसार, आलू के रिटेल रेट में सालाना आधार पर ३३ फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है और यह फिलहाल २० रुपए किलो प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। वहीं प्याज की रिटेल कीमत में २० फीसदी की बढ़त हुई है और यह बढ़कर ३० रुपए प्रति किलोग्राम और टमाटर की कीमत सालाना के आधार पर ५० फीसदी तक की बढ़त हुई है, और यह रिटेल बाजार में ४० रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। इसी तरह हरी मटर ३० रुपए से बढ़कर ६० रुपए तक बिक रही है। जानकारों के मुताबिक, पिछले साल इस दौरान टमाटर और आलू के दाम में ३६ फीसदी और २० फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। जुलाई २०२३ में मानसून की खराब स्थिति के कारण टमाटर की कीमतों में २०२ फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई थी और देश के कई हिस्सों में यह १०० रुपए प्रति किलो से भी महंगा बिका था। प्याज रिटेल बाजार में ३० रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है, वहीं इसकी रिटेल कीमतों में पिछले तीन महीने में २५ फीसदी की कमी देखी गई है।

रु. ६०० लहसुन किलो  
ठाणे में लहसुन की कीमत खुदरा बाजार में ६०० रुपए प्रतिकिलो पर पहुंच गई है, जो कि किचन का जायका और बजट दोनों बिगाड़ने का काम कर रही है। लहसुन व्यापारी संदीप चौधरी ने बताया कि इस साल लहसुन की आवक कम हुई है। इसी वजह से लहसुन के दाम बढ़ गए हैं। पुराने लहसुन की सप्लाई लगभग खत्म होने को है और नए लहसुन के बाजार में नहीं आने से दाम काफी बढ़ गए हैं। इस वर्ष लहसुन का उत्पादन भी कम हुआ। पिछले दो साल से लहसुन की कीमत कम मिलने के कारण किसानों ने लहसुन की खेती कम कर दी है, इससे लहसुन की आवक घट गई है।

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