सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे मनोरोग अस्पताल के सफाईकर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। आंदोलन पिछले २८ दिनों से शुरू था। आंदोलन को रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन ने लिखित आश्वासन देकर पांच साल के न्यूनतम वेतन अंतर का बकाया देने का रास्ता साफ कर दिया। यूनियन के महासचिव जगदीश खैरालिया ने बताया, इसलिए अस्पताल प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद चल रही अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि अप्रैल २००८ से पहले, ठाणे क्षेत्रीय मनोरोग अस्पताल में १८७ स्थायी सफाई कर्मचारी थे। सरकार द्वारा अस्पताल के स्थायी सफाईकर्मियों को अन्यत्र समाहित कर ठेकेदारों के माध्यम से लगभग १०० सफाईकर्मियों को अल्प वेतन पर नियोजित किया गया था। पिछले पांच वर्षों से कर्मियों को उनके वेतन में हर छह माह में बढ़ने वाले विशेष भत्ते की राशि का भुगतान नहीं किया गया था। ‘श्रमिक जनता संघ यूनियन’ की ओर से कोर्ट तक दौड़ लगाने के बाद ११ जून २०२४ को ठाणे औद्योगिक न्यायालय ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार, मजदूरी का भुगतान करने का आदेश दिया, लेकिन मनोरोग अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार द्वारा अदालत के आदेशों का पालन नहीं करने पर श्रमिक जनता संघ यूनियन ने २८ दिनों तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की, जिसमें ९ सितंबर को श्रमिकों के बैंक खातों में मजदूरी जमा होने के बाद ही हड़ताल को स्थगित कर दिया गया।
२८ दिनों से ४ कर्मचारियों ने कुछ नहीं खाया…
२८ दिनों से चार सफाई कर्मचारी २४ घंटे की भूख-हड़ताल पर थे। विरोध प्रदर्शन में लगभग सभी सफाई कर्मचारी शामिल हुए। आंदोलन में महिला कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार, वेतन का भुगतान किया जाता है और न्यूनतम वेतन में अंतर की राशि का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए वरिष्ठों को भेजा जाता है। वह जल्द ही मिल जाएगा इसलिए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नेताजी मुलिक ने आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया।
-जगदीश खैरालिया, महासचिव यूनियन