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महिला जिला पंचायत अध्यक्ष की उपेक्षा कर रहे विदिशा के अधिकारी, मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला

दीपक तिवारी

विदिशा। एक तरफ महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाकर सरकार महिलाओं को अबला से सबला बनाने के लिए कई योजनाएं और कानून बनाकर उन्हें लागू करने के निर्देश दे रही है तो वहीं इन निर्देशों को जमीन पर उतारने वाले अधिकारी ही इन निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते सरकार की महिला सशक्तिकरण की मंशा पूरी होते नहीं दिखाई दे रही है। ऐसा ही मामले जिला पंचायत विदिशा में सामने आ रहे हैं, जहां अधिकारियों पर महिला जिला पंचायत अध्यक्ष की लगातार उपेक्षा करने के आरोप लग रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता रघुवंशी के निर्देशों की अवहेलना के साथ शासकीय कार्यक्रमों में भी उपेक्षा हो रही है। जिसकी शिकायत हाल ही में विदिशा दौरे पर आए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से की गई है। स्थिति यह है कि जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के अधिकारी महिला अध्यक्ष की अवहेलना कर रहे हैं। जिसके चलते जिला पंचायत अध्यक्ष को नाली निर्माण जैसे मामले को लेकर पदयात्रा तक निकालना पड़ी। अधिकारी अब जिला पंचायत अध्यक्ष का जनकल्याण शिविरों के शिलालेखों से नाम गायब करने लगे हैं। इस मामले की शिकायत गत दिनों विदिशा पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से लिखित में की गई है।

याद रहे कि हाल ही में श्री बालाजी धाम मेहगांव के रास्ते में गांव की नालियों का पानी भरने को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता रघुवंशी, अध्यक्ष प्रतिनिधि कैलाश रघुवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश शर्मा समेत कई श्रद्धालुओं ने विदिशा से मेहगांव मंदिर तक पदयात्रा की थी। जिससे जिले की राजनीति गरमाई हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप है कि एक नेता के इशारे पर अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि सरकार महिलाओं को आज़ादी, विश्वास, आत्म-सम्मान अर्थव्यवस्था, शिक्षा देकर राजनीति में बराबरी का अधिकार दिलाना चाहती है।

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