- जिले के २१५ गांवों में पानी की किल्लत
- शहापुर के २७ गांव और १२४ पाड़ों का समावेश
पंकज तिवारी / ठाणे
जिले के अंतर्गत आनेवाली सात तालुकाओं के २१५ गांवों और उन गांवों के अधिकार क्षेत्र के तहत कई पाड़ों में पानी की किल्लत बढ़ गई है। ये ग्रामीण अब टैंकर के भरोसे जी रहे हैं। जिले के शहापुर तालुका के गांवों का सबसे अधिक समावेश है। वर्तमान में शहापुर तालुका के २७ गांव और १२४ पाड़ों के लोग पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं। जिला प्रशासन ३० टैंकरों से नियमित रूप से पानी की आपूर्ति कर इन गांववालों की प्यास बुझा रहा है।
बता दें कि जिला प्रशासन ने हाल में ही एक सर्वे कराया था और उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। सर्वे में संभावना जताई गई थी कि ठाणे ग्रामीण क्षेत्रों के ठाणेकरों को सालभर पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ठाणे जिले के शहापुर और मुरबाड़ तालुकाओं में गर्मियों में पानी की भारी कमी होती है। जिले में बसे हुए गांवों की संख्या ८०७ है। इन गांवों में कुल १ हजार ९७५ पाड़ों का समावेश है। इसमें से ५२३ गांवों और १ हजार ४६१ पाड़ों को उचित रूप में पानी मिलता है। लेकिन बाकी गांवों और पाड़ों में हमेशा पानी की भारी किल्लत रहती है। इसमें शहापुर तालुका के गांवों एवं पाड़ों की संख्या अधिक है। इन दोनों तालुका के कुछ गांवों में जिला परिषद के जल आपूर्ति विभाग के माध्यम से टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाती है। इससे इन गांवों की पानी की समस्या कुछ हद तक कम महसूस हो रही है। बाकी गांवों को नल, कुआं, तालाब जैसी योजनाओं के माध्यम से प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जानेवाले पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ये योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिससे नागरिकों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही इस वर्ष भीषण गर्मी के कारण सूखे कुओं व तालाबों की संख्या भी काफी बढ़ी है। शहापुर तालुका के १२४ पाड़े सबसे अधिक प्रभावित हैं। मुरबाड़ तालुका के छह गांव भी पानी की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। इससे वर्तमान स्थिति में देखा जा रहा है कि ये सभी गांव टैंकरों पर निर्भर हैं। शहापुर तालुका के २७ गांवों और १२४ पाड़ों में ३० टैंकर और मुरबाड़ के ६ गांव और ७ पाड़ों में ४ टैंकर से आपूर्ति की जा रही है। जिला प्रशासन जलापूर्ति विभाग ने बताया है कि अगले कुछ दिनों में टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।