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डायघर परियोजना का ग्रामीणों ने किया विरोध …भुगतान नहीं होने पर ठेकेदारों ने रोकी डंपर गाड़ियां

सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे स्थित डायघर क्षेत्र में कचरा परियोजना में कार्यरत ठेकेदारों को भुगतान न होने के कारण उन्होंने डंपर की गाड़ियों को रोक दिया है, जिसके बाद सड़कों पर डंपर वाहनों की लाइन लग गई है। इससे परेशान होकर अब आसपास के लोग डायघर कचरा परियोजना का विरोध कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से डंपर वाहन बंद होने से कलवा, दिवा और मुंब्रा सहित अन्य इलाकों में कूड़ा उठाना बंद हो गया है, साथ ही जगह-जगह बड़ी मात्रा में कचरे का ढेर लग गया है। इसके अलावा भारी बारिश की वजह से कचरा सड़ने लगा हैं और बदबू पैâलना शुरू हो गया है। अब बीमारी की समस्या भी पैदा हो गई है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने एक डंपर ड्राइवर की पिटाई की, जिसके बाद अन्य ड्राइवरों ने डंपर वाहन बंद कर दिए। हालांकि, प्रशासन ने इस दावे को खारिज कर दिया है। राज्य सरकार ने हाल ही में भिवंडी में लैंडफिल के लिए ठाणे मनपा को जमीन की पेशकश की थी। ठाणे मनपा का अपना कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं होने के कारण पहले दिवा क्षेत्र और फिर भंडारली में कचरा डंप किया जाता था, लेकिन नागरिकों के विरोध के बाद यहां कचरा डालना बंद कर दिया गया और १४ साल बाद डायघर में कचरा परियोजना का निर्माण किया गया। मनपा का कहना है कि यहां कचरे से बिजली बनाई जाएगी। यहां पिछले साल से ही कूड़ा डाला जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यहां कचरा निपटान का कोई काम नहीं किया जा रहा है, इसके अलावा काम का भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदारों ने पिछले दो दिनों से परियोजना स्थल पर आने वाले डंपर वाहनों को बंद कर दिया था। सड़कों पर इन वाहनों की कतार लगने से दुर्गंध उठ रही है, जिससे ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। ठाणे मनपा की उपायुक्त मनीषा जोशी ने बताया कि डायघर कचरा निपटान संयंत्र स्थल पर ठेकेदारों द्वारा वाहनों को रोके जाने के कारण पिछले दो दिनों से कलवा, मुंब्रा और दिवा क्षेत्रों में कचरा संग्रहण रुका हुआ था। साथ ही, परियोजना स्थल से कचरा को लैंडफिल तक ले जाना भी संभव नहीं था। इसके चलते कचरा परिवहन फिर से शुरू कर दिया गया है।

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