ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री
सावन का महीना शिव भक्तों को समर्पित है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। कहते हैं सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि के साथ ही व्यक्ति की समस्त मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इस बार १८ जुलाई से १६ अगस्त तक सावन अधिकमास रहनेवाला है। यानी इस बार सावन में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। शिवस्य हृदये विष्णु: विष्णोश्च हृदये शिव:। अर्थात् भगवान शंकर के हृदय में विष्णु का और भगवान विष्णु के हृदय में शंकर का बहुत अधिक स्नेह है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है, उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेल पत्र, चावल, चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय है। यही कारण है कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। पौराणिक कथाओं में वर्णन आता है कि इसी सावन मास में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मथने के बाद जो हलाहल विष निकला उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम ‘नीलकंठ महादेव’ पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया, इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है। यही वजह है कि श्रावण मास में भोले को जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में वर्णित है कि सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, इसलिए ये समय भक्तों, साधु-संतों सभी के लिए अमूल्य होता है। यह चार महीनों में होनेवाला एक वैदिक यज्ञ है जो एक प्रकार का पौराणिक व्रत है, जिसे ‘चौमासा’ भी कहा जाता है। तत्पश्चात सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं। इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान शिव बन जाते हैं। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकंडेय ने लंबी आयु के लिए सावन माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।
घर में धन की कमी हो तो सावन भर शमी के पेड़ की जड़ शिवजी को चढ़ाएं। उसके बाद उस जड़ को लाकर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से जीवन में धन का संकट दूर होगा। अगर कोई भी कार्य करने में बार-बार असफलता मिल रही है तो सावन में सोमवार के दिन २१ बेल पत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। काम में आ रही बाधा दूर हो जाएगी। अगर आप शिवलिंग पर दही चढ़ाते हैं तो जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर शादी में कोई बाधा आ रही हो तो सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर चढ़ाएं। ऐसा करने से शादी में आनेवाली बाधा दूर हो जाती है। अगर किस्मत साथ नहीं दे रही तो सावन के महीने में बैल को हरा चारा खिलाना चाहिए। बैल को नंदी का रूप कहा जाता है। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं। अगर अपनी आमदनी के साधन बढ़ाना चाहते हैं तो सावन के महीने में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और राहु-केतु ग्रह के बुरे असर से भी छुटकारा मिलता है।