सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कल राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से सवाल किया कि आतंक प्रभावित कश्मीर के राजोरी और अनंतनाग जैसे जिलों में मतदाता पंजीकरण और मतदान प्रतिशत बढ़ गया है, फिर वोटिंग का प्रतिशत महाराष्ट्र में क्यों नहीं बढ़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव से यह भी सवाल किया कि हमारे आदेश के बावजूद अधिकारियों के तबादलों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम तीन दिवसीय दौरे पर मुंबई आई है। इस दौरे के दौरान उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, गृह विभाग, खुफिया एजेंसियों और विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस मौके पर उन्होंने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में कम मतदान और मतदान केंद्र पर हुई असुविधाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि महाराष्ट्र में मतदाता बाहर नहीं निकल रहे हैं। हालांकि, राज्य के अधिकारियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए पंखे, प्रतीक्षालय, पेयजल, मंडप जैसी सुविधाएं बढ़ाने का सुझाव दिया।
पांच सितारा में ठहरी है टीम
राज्य सरकार ने केंद्रीय चुनाव आयोग को सह्याद्रि अतिथि गृह में ठहराने की पूरी तैयारी कर ली थी। हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग की चौदह से पंद्रह सदस्यों की यह टीम नरीमन प्वाइंट स्थित ट्राइडेंट में रुकी है। साल २०१९ में केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ताज में रुकी थी, लेकिन वे सह्याद्रि में बैठकें करते थे।
राज्य अधिकारियों पर जताई नाराजगी
केंद्रीय चुनाव आयोग ने अधिकारियों के तबादलों को लेकर जनवरी माह में राज्य सरकार को पत्र लिखा था। तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही पद पर कार्य करनेवाले अधिकारियों का तत्काल स्थानांतरण करने के निर्देश दिए गए थे। इन तबादलों को लेकर सरकार को तीन रिमाइंडर भेजे गए थे, लेकिन फिर भी आयोग के पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर केंद्रीय चुनाव अयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से नाराजगी जताई। आयोग ने सवाल उठाया कि तबादलों के आदेश के बावजूद राज्य में १०० पुलिस इंस्पेक्टरों के तबादले क्यों नहीं किए गए। पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने बताया कि ट्रांसफर के बाद पुलिस मैट की शरण में चले जाते हैं।